कांग्रेस और भाजपा एक सिक्का के दो पहलू

 कांग्रेस और भाजपा एक सिक्का के दो पहलू 

पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ने वालों को मिला पद का तोहफा .. सियासी गलियारों में चर्चा का विषय 



उत्तम साहू 

नगरी/ नगरी निकाय और पंचायत चुनाव के दौरान कांग्रेस और भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी से बगावत कर स्वतंत्र उम्मीदवार के रुप में अपने बलबूते चुनाव लड़कर जीतने वालों को महत्व पूर्ण पदों पर बिठाने का ट्रेंड चल पड़ा है, लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि अगर इस तरह बागियों को पद दिया जाएगा तो पार्टी अनुशासन का क्या होगा..? लोगों के बीच चर्चा है कि बगावत करके लड़ो तो BJP वाले जनपद में अध्यक्ष उपाध्यक्ष बनाते है, वहीं इस मामले में कांग्रेस भी पीछे नही है और बागी लड़ने वाले को नगर पंचायत में नेता प्रतिपक्ष बना दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक नगरी जनपद पंचायत चुनाव के दौरान जनपद सदस्य पद के लिए भाजपा का समर्थन नहीं मिलने से निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़कर जीत हासिल किया,बाद में भाजपा ने इन्हें जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद से नवाजा गया 

इसी तरह नगरपंचायत नगरी में पार्षद पद के लिए कांग्रेस की टिकट नहीं मिलने पर वार्ड क्रमांक 15 से हरीश साहू ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रुप में चुनाव लडा़ और अपने लोकप्रियता के चलते कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी को हराकर जीत दर्ज किया इसके बाद कांग्रेस पार्टी के समर्थन से नगर पंचायत में प्रतिपक्ष के नेता बनाए गए हैं, इससे जाहिर होता है कि दोनों पार्टियां बागियों के सामने घुटने टेक दिया है।



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