कलेक्टर अबिनाश मिश्रा की पहल पर जिले में नारियल की खेती को मिलेगा बढ़ावा

 


 कलेक्टर अबिनाश मिश्रा की पहल पर जिले में नारियल की खेती को मिलेगा बढ़ावा




उत्तम साहू 

धमतरी 25 मई 2025/कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा की पहल पर जिले में नारियल और रागी की खेती को बढ़ावा देने की सकारात्मक प्रयास किया जा रहे हैं। जिले की भौगोलिक परिस्थिति नारियल के खेती के अनुकूल है l जिले में लगे नारियल के पेड़ो से निकलने वाले फल और पानी दोनों ही काफ़ी मीठे होते है। जिला प्रशासन द्वारा किसानो को नारियल की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। 


  नारियल विकास बोर्ड का लिया जायेगा सहयोग


जिला प्रशासन द्वारा किसानों को नारियल की बेहतर खेती करने के लिए कोंडागांव नारियल विकास बोर्ड का भी सहयोग लिया जायेगा। बोर्ड द्वारा किसानों को नारियल के पौधे, उनकी देखरेख, पौधों की उपलब्धता और समय-समय पर उचित सलाह प्रदान दी जाएगी। किसान इन पौधों को अपनी-अपने खेतों के किनारे घरों की बड़ियों में या खाली स्थान पर लगा कर सकते हैं। यह पौधे चार-पांच साल में फल देने योग्य हो जाते हैं, एक पौधे से 2500 से 3000 रुपए तक की आय प्राप्त होती है, जो कि किसानों के लिए एक अतिरिक्त आय का जरिया बन सकेंगे। नारियल के पौधों को ज्यादा देखने की आवश्यकता नहीं होती है और यह लंबे समय तक फल प्रदान करते रहते हैं।


             किसान कर सकते हैं पंजीयन-


जिला प्रशासन द्वारा जिले के किसानों के लिए  वाट्सअप चैनल बनाया गया है, जिसके माध्यम से किसानो से उनकी राय भी ली गई है, जिसमे किसान अपने सुझाव दे सकते है। साथ ही वह अपना पंजीयन भी इस प्लेटफार्म पर कर सकते हैं। जिला प्रशासन द्वारा उन्हें नारियल के पौधे उपलब्ध करने हेतु नारियल पौधों की नर्सरी भी तैयार की जा रही है ताकि मांग अनुरूप किसानों को पौधे उपलब्ध कराए जा सके। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा महानदी के उद्गम स्थल के आसपास भी बृहद रूप से नारियल के पौधे लगाने की योजना तैयार की जा रही है.


 रागी की खेती के लिए किया जा रहे हैं प्रयास, जिला प्रशासन देगा बीज


जिला प्रशासन द्वारा जिले में रागी के रकबे को भी बढ़ाने के प्रयास किया जा रहे हैं।  उप संचालक कृषि श्री मोनेश साहू ने बताया कि  बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत जिले के 50 एकड़ में रागी की फसल लगाई थी, जिसे बढ़ाकर लगभग 200 एकड़ तक करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए किसानों से फीडबैक लेकर आर्यों के माध्यम से समझाइए भी दी जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा इच्छुक किसानों को बीच भी उपलब्ध कराया जा रहा है जिससे जिले के किसान काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं, आने वाले समय में जिले के किसान रागी की खेती के लिए अधिक से अधिक संख्या में अग्रेषित होंगे।

उन्होंने रागी फसल के फायदे बताते हुए कहा की यह कम पानी और मेहनत में होती है, और सूखे क्षेत्रों में भी अच्छी पैदावार देती है। इसके अलावा, रागी एक पौष्टिक अनाज है जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। रागी में कैल्शियम, आयरन, फाइबर, और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं रबी में रागी की खेती से 20-22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार मिल सकती है, जो कि अन्य अनाजों की तुलना में अधिक है। रागी के सेवन से वजन घटाने, डायबिटीज को नियंत्रित करने और दिल की बीमारियों की रोकथाम करने में भी मदद मिलती है।

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