नगरी जनपद पंचायत की 53 दुकानों की फिर से होगी जांच, सामान्य सभा की बैठक में बनी सहमति
उत्तम साहू दिनांक 13.7.2025
नगरी/सिहावा - जनपद पंचायत नगरी के द्वारा वर्ष 1995 में प्रिय दर्शनीय काम्प्लेक्स के नाम पर 53 दुकानें बनाए गए हैं, निर्माण से आज तक यह काम्प्लेक्स विवादों में घिरी हुई हैं और नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है। जैसे ही जनपद में नये जनप्रतिनिधि चुनाव जीत कर आते हैं उनका पहला निशाना यही 53 दुकानें रहता हैं उसका कारण भी स्पष्ट है।
उल्लेखनीय है कि जनपद पंचायत नगरी के द्वारा निर्मित दुकानों का आबंटन जिस व्यक्ति को हुआ था उसमें से अधिकांश दुकानों को लाखों में खरीदीं ब्रिक्री कर अपनी दुकानें खोल कर कब्जा कर लिये है और कुछ दुकान को लोग 10 हजार महिनों पर अन्य व्यवसायिक को किराये में दिये है। जबकि जनपद के अनुबंध और शर्तों के खिलाफ है, इसके बाद भी जिसे दुकान आंबटित है वह व्यक्ति अन्य लोगों को बेचकर या किराये में देकर कर पंचायत अधिनियमों का खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है।
वर्तमान में दो दुकानों के बीच का दिवाल तोड़कर एक दुकान बना लिया गया है, जनपद के द्वारा पूर्व में जिन व्यक्तियों को दुकान आंबटित हुआ था उसमें से कई व्यक्तियों का मृत्यु हो चुका है उसके बाद भी रसीद उनके नामों से काटी जा रही है, आज 30 वर्षों से दुकानों का किराया हर 3 वर्ष में नवीनिकरण कर 10% किराया बढ़ाना था लेकिन आज तक किराया नहीं बढ़ाया गया और ना ही नविनिकरण किया गया जिसके कारण दुकान लाखों रुपए में ख़रीद बिक्री हुई है जिसके नाम से आंबटित हुआ था वर्तमान स्थिति में वह व्यक्ति काबिज नहीं है। जो जांच का विषय है।
यहां तक कम्प्लेक्स के छत उपर जाने के लिए सीढ़ी निर्माण किया गया था उस सीढी को एक व्यापारी ने बंद कर कब्जा कर लिया है जिससे अन्य दुकानदार को छत के ऊपर आने जाने में असुविधा हो रही है, जिसकी लिखित शिक़ायत नगरी के पूर्व उप संरपंच पेमन स्वर्णबेर के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नगरी व जनप्रतिनिधियों को किया है, इस पर जांच करने का अश्वासन दिया गया है।
गौरतलब है कि पूर्व में जनपद पंचायत अध्यक्ष ने जनपद पंचायत कार्यालय के सामान्य सभा में बैठक रख कर जो वर्तमान काबिज़ दुकानदारों को नये सिरे से आंबटित करने के लिए नये एफ डी आर जमा कर बढे दर से किराया लेने के लिए प्रस्ताव पारित कराया गया था जिसका पालन कुछ व्यापारियों के द्वारा नहीं किया गया, लेकिन इस बार जनपद पंचायत में चुनकर आए नये जन प्रतिनिधियों से उम्मीद है कि पूर्व में जो प्रस्ताव पारित हुआ था उसका पालन करते हुए दुकानों का किराया बढ़ाना चाहिए, इससे जनपद पंचायत की आय बढ़ने से विकास कार्यों को गति मिलेगी।