मोदी की गारंटी लागू करवाने कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने किया आंदोलन का शंखनाद,

 मोदी की गारंटी लागू करवाने कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने किया आंदोलन का शंखनाद,

 16 जुलाई को सभी जिलों में रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम सौंपा जाएगा ज्ञापन




 रायपुर/ छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने छत्तीसगढ़ शासन को मोदी की गारंटी लागू करने का अल्टीमेटम दिया है। फेडरेशन की बैठक में तय हुआ है कि प्रथम चरण में 16 जुलाई 2025 को राज्य के सभी ब्लॉक तथा जिलों में रैली निकालकर “मोदी की गारंटी” लागू करने के लिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। गौरतलब है कि फेडरेशन ने विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश के कर्मचारियों से किए गए मोदी की गारंटी के वादे को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पूरा नहीं किए जाने के कारण चरणबद्ध आंदोलन किया था और वादाखिलाफी के विरुद्ध फिर से आंदोलन का शंखनाद कर दिया है।


छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रथम चरण में 16 जुलाई 2025 को राज्य के सभी ब्लॉक तथा जिला मुख्यालयों में वादा निभाओ रैली के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा। यदि छत्तीसगढ़ सरकार ने मोदी की गारंटी को पूरा करने में रुचि नहीं दिखाई, तो 22 अगस्त 2025 को प्रदेश के कर्मचारी-अधिकारी सामूहिक अवकाश में रहकर राज्यव्यापी कलम बंद – काम बंद हड़ताल करेंगे। उन्होंने बताया कि यदि सरकार ने मोदी की गारंटी को पूरा नहीं किया, तो फेडरेशन अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लेने को बाध्य होगा।

फेडरेशन का कहना है कि विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान प्रदेश के कर्मचारियों के लिए मोदी की गारंटी का घोषणा हुआ था।

सरकार बनने पर प्रदेश के शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को केंद्र के समान डी.ए./डी.आर. दिया जाएगा। लंबित डी.ए. एरियर की राशि को कर्मचारियों के जी.पी.एफ. खाते में समायोजित किया जाएगा। अनियमित/संविदा/दैनिक वेतनभोगी/अतिथि शिक्षक इत्यादि संवर्ग का नियमितीकरण किया जाएगा।

प्रदेश के सहायक शिक्षकों का वेतन विसंगति दूर किया जाएगा। प्रदेश के लिपिकों, सहायक शिक्षकों एवं अन्य संवर्ग के लिए वेतन विसंगति दूर करने के लिए गठित पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी। पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाएगा। मितानिनों,रसोईया एवं सफाई कर्मचारियों के मानदेय में 50 % वृद्धि किया जायेगा। सहित अन्य मुद्दों का वादा किया। लेकिन सरकार बनने के बाद क्रियान्वयन पर मौन धारण करना कर्मचारियों में आक्रोश का कारण बना हुआ है।

फेडरेशन ने प्रदेश में चार स्तरीय समयमान वेतनमान, प्रदेश के सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान, अर्जित अवकाश 240 दिन के स्थान पर 300 दिन करने, प्रदेश में कैशलेस सुविधा उपलब्ध कराने जैसे मुद्दों सहित शासकीय सेवक कल्याण के अनेकों मुद्दों का ज्ञापन राज्य सरकार को समय-समय पर दिया है। लेकिन सरकार कर्मचारियों के मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है। फेडरेशन ने कर्मचारी हित में पुनः 11 सूत्रीय ज्ञापन राज्य सरकार को दिया है।



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