सिहावा विधायक अंबिका मरकाम महिला विधायकों में सबसे अधिक सवाल पूछने वाली विधायक बनीं
(TRP द्वारा "द रियल पोस्ट") में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, विपक्ष की मजबूत आवाज
पत्रकार उत्तम साहू 6 अगस्त 2025
धमतरी/नगरी- छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में कंटेंट की सक्रियता और जनहित के मुद्दों पर तीखी आवाज उठाने के मामले में विपक्ष की विधायक श्रीमती अंबिका मरकाम ने नया कीर्तिमान रचा है। हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट (TRP द्वारा "द रियल पोस्ट" में) के अनुसार, वे महिला विधायकों में सबसे अधिक सवाल पूछने वाली विधायक बनी हैं। उन्होंने इस सत्र में कुल 196 सवाल पूछे, जो पूरे सत्र में महिला विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों में सबसे अधिक हैं।
विपक्ष में रहकर भी निभाया जनता की आवाज़ का धर्म
विपक्ष की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण होती है, और अंबिका मरकाम जी ने यह साबित कर दिखाया कि सत्ता में ना होते हुए भी जनता की समस्याओं और मुद्दों को उठाना संभव है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा, रोजगार, ग्रामीण विकास, और स्थानीय संसाधनों से जुड़ी समस्याओं को जोरदार तरीके से सदन में उठाया।
उनकी इस सक्रियता ने न केवल महिला विधायकों के लिए एक नया मानक स्थापित किया, बल्कि विपक्ष की आवाज़ को भी मजबूती प्रदान की। विधानसभा में उनकी भागीदारी यह दर्शाती है कि वे सिर्फ प्रतिनिधि नहीं, बल्कि जनता की सच्ची पहरेदार हैं।
महिला सशक्तिकरण का सशक्त उदाहरण
महिला सशक्तिकरण की दिशा में अंबिका मरकाम जी की यह उपलब्धि प्रेरणास्रोत है। जब महिलाएं विधानसभा जैसी उच्च मंच पर जन मुद्दों को दृढ़ता से उठाती हैं, तब वह पूरे समाज के लिए एक सकारात्मक संदेश देती हैं। उनका यह प्रदर्शन आने वाली युवा महिलाओं को राजनीति में आने और जनसेवा के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।
विधानसभा में उनकी प्रमुख सवालों के क्षेत्र:
ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति
महिला सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याएं
जल आपूर्ति व स्वच्छता के मुद्दे
शिक्षकों की नियुक्ति व स्कूलों की स्थिति
जनजातीय क्षेत्र के विकास से जुड़े मुद्दे
जनता का विश्वास, सच्ची सेवा की पहचान
अंबिका मरकाम ने यह साबित कर दिया है कि विधायक होना केवल एक पद नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। उन्होंने विधानसभा के मंच का उपयोग जनता की समस्याओं को शासन तक पहुंचाने के लिए किया और सवालों के माध्यम से जवाबदेही तय करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
उनकी इस उपलब्धि के लिए क्षेत्र की जनता, सामाजिक संगठनों एवं राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा प्रशंसा की जा रही है। वे छत्तीसगढ़ की उन गिने-चुने नेताओं में हैं जो प्रश्न पूछकर जनहित में हल खोजने की राजनीति को आगे बढ़ा रही हैं।

