कोटेश्वर महादेव धारा में ऋषि पंचमी के अवसर पर वैद्यराज सम्मेलन सम्पन्न

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कोटेश्वर महादेव धारा में ऋषि पंचमी के अवसर पर वैद्यराज सम्मेलन सम्पन्न

“छत्तीसगढ़ को मिली है ‘हर्बल स्टेट’ की पहचान”..विकास मरकाम


उत्तम साहू 

नगरी/ अंचल के प्रसिद्ध शिवालय कोटाभर्री के भीमा कोटेश्वर महादेव के पवित्र भूमि में गुरुवार को वैद्यराज सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। ऋषि पंचमी के पावन अवसर पर ग्राम के देवी-देवताओं एवं शीतला माता के सान्निध्य में धार्मिक, सांस्कृतिक और परंपरागत औषधीय परंपराओं से जुड़ा कार्यक्रम संपन्न हुआ।


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड के अध्यक्ष विकास मरकाम थे, उक्त अवसर पर मरकाम ने कहा कि “छत्तीसगढ़ को 1 नवंबर 2000 को राज्य गठन के बाद ‘हर्बल स्टेट’ की पहचान मिली है। औषधीय पौधों, जंगल, वन्यजीव और प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर यह प्रदेश आज पूरे देश में विशिष्ट स्थान रखता है।”


उन्होंने सिहावा नगरी को सप्तऋषियों की कर्मस्थली बताते हुए कहा कि प्राचीन काल से ही यहां ऋषि-मुनियों ने समाज की बुराइयों को दूर करने और औषधीय पौधों के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। यह ज्ञान परंपरा आज भी जीवित है, और इसे आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है।



मरकाम ने कहा कि परंपरागत वैद्यराजों को प्रशिक्षण, प्रमाणपत्र और आर्थिक सुदृढ़ीकरण दिलाने की दिशा में शासन ठोस नीति बना रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि नारायणपुर के वैद्यराज हेमचंद मांझी को उनकी सेवाओं के लिए पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया गया है, जो परंपरागत औषधीय ज्ञान की महत्ता को दर्शाता है।

उन्होंने आगामी समय में रायपुर में छत्तीसगढ़ स्तरीय वैद्यराज सम्मेलन और राज्य की रजत जयंती पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने की जानकारी दी। साथ ही कोटेश्वर महादेव क्षेत्र में वन औषधि गार्डन और अधूरे प्रोजेक्ट शीघ्र पूर्ण कराने का आश्वासन भी दिया।


इस अवसर पर वैद्य संघ प्रदेश अध्यक्ष दशरत नेताम ने कहा कि हमारे जंगल औषधियों का खजाना हैं। यदि हम उन्हें जानें और समझें तो अनेक बीमारियों का उपचार संभव है। उन्होंने ग्रामीणों से इनका उपयोग कर परंपरा को जीवित रखने का आह्वान किया।

पादप बोर्ड के सीईओ श्री राव ने कहा कि हमारे बोर्ड के माध्यम से तैयार औषधियां दिल्ली तक पहुंच चुकी हैं। छत्तीसगढ़ का पारंपरिक ज्ञान न केवल प्रदेश बल्कि देश को भी स्वस्थ रखने में योगदान देगा।


सम्मेलन में जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सार्वा, उपाध्यक्ष गौचंद साहू, वन सभापति अजय ध्रुव, जनपद अध्यक्ष महेश गोटा, जनपद सदस्य, सरपंच स्मृति नेताम, पूर्व सरपंच फुलेश्वरी, विमला देवांगन, कौशल्या बंजारे, पुष्पा बंजारे, प्रमिला मरकाम, भगवती बाई मरकाम, जानकी बाई मरकाम सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण जन उपस्थित थे।


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