जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने एक नई पहल
पत्रकार उत्तम साहू 18 अगस्त 2025
धमतरी/ जनजातीय कार्य मंत्रालय के द्वारा जनजातीय बाहुल्य ग्रामों में शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के कार्य को नई दिशा देने हेतु एक नई पहल की गई है जिसे आदि कर्मयोगी नाम दिया गया। इस अभियान के अंतर्गत राज्य स्तर पर आयोजित राज्यस्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले से 7 मास्टर ट्रेनर ने प्रशिक्षण प्राप्त कर डिस्ट्रिक्ट मास्टर ट्रेनर का अवॉर्ड प्राप्त किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति एवं जनजातीय बाहुल्य ग्रामों के समुचित विकास हेतु प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महा अभियान ( पीएम जनमन) एवं धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान का संचालन किया जा रहा है । जनमन योजना अंतर्गत जिले में निवासरत 130 बसाहट के विशेष पिछड़ी जनजाति (कमार) के लिए 9 अलग अलग मंत्रालयों के 11 प्रकार के कार्यों से संतृप्ति का कार्य किया जा रहा है जिसमें जिले में निवासरत आदिम जाति वर्ग के अंतिम व्यक्ति को व्यक्तिगत मूलक में आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, बैंक खाता, जाति प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों को बनाया जा रहा है साथ ही सामुदायिक उत्थान हेतु प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छ पेयजल, बिजली, रोड इत्यादि के कार्य भी कराए जा रहे है।
इसी प्रकार धरती आबा अभियान अंतर्गत जिले के 108 जनजातीय बाहुल्य ग्राम को भी 17 मंत्रालयों के 25 योजनाओं का लाभ देने का कार्य भी प्रारंभ किया जा चुका है। इन योजनाओं के संतृप्ति के लिए पूर्व में जिला प्रशासन के द्वारा शिविरों के माध्यम से सभी को लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है, परन्तु योजनाओं का लाभ बेहतर तरीके से हितग्राहियों तक नहीं पहुंच पा रहा था, जिसे ध्यान में रखते हुए अब जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा कार्य के तरीके में बदलाव किया जा रहा है जिसे आदि कर्मयोगी नाम दिया गया है। इसके अंतर्गत अब बेहतर विकास कार्य के तीन स्तर पर कार्य किया जाएगा जिसमें पहला है आदि कर्मयोगी तैयार करना जिसमें प्रशासनिक अमले से राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय एवं ब्लॉक स्तरीय मास्टर तैयार किए जाएंगे।
दूसरे क्रम में इन मास्टर ट्रेनर के द्वारा आदि सहयोगियों की टीम बनाई जाएगी, आदि सहयोगियों वह टीम होगी जो ग्राम स्तर पर कार्य करेंगे जिसमें शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, चिकित्सक, युवा नेता, सामाजिक मुखिया जैसे व्यक्ति ग्राम के विकास की रूपरेखा व्यक्तिगत मूलक, पारिवारिक मूलक एवं सामुदायिक मूलक के अनुसार तैयार करेंगे। तीसरे क्रम पर होंगे आदि साथी, यह वे व्यक्ति होंगे जिन्हें योजनाओं का लाभ दिया जाना है।
आदि कर्मयोगी के अंतर्गत विगत माह भोपाल में राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था एवं 11 से 14 अगस्त को राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन राजधानी रायपुर में किया गया जिसमें विभिन्न जिलों के जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले से 7 अधिकारियों/कर्मचारियों ने जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर के रूप में भाग लिया जिसमें आदिवासी विकास विभाग से देवेंद्र वासनिक, महिला बाल विकास से महेश मरकाम , लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी से शशि ठाकुर, वन विभाग से बी के लकरा, पंचायत विभाग से चैतन्य ध्रव शिक्षा विभाग से कमलेश ध्रुव एवं स्वास्थ्य विभाग से नर्मदा सिन्हा शामिल हुए। माह सितंबर में मंत्रालय से निर्देश प्राप्त होने पश्चात विकासखंड स्तर के आदि कर्मयोगी तैयार करने हेतु जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा।
इन मास्टर ट्रेनर के द्वारा बताया गया कि पहले सभी अपने अपने विभाग का कार्य ही किया करते थे एवं अन्य विभागों से सहभागिता नहीं हो पाती थी जिससे विकास कार्यों में पूर्णता नहीं आ पाती थी। प्रशिक्षण में यह सीखने को मिला कि कैसे शासन के सभी विभाग एक दूसरे के साथ मिलकर और अपने अपने विभागों के सभी योजनाओं को हितग्राही मूलक बनाकर अभिसरण के अनुसार कार्य करेंगे, साथ ही जिला मास्टर ट्रेनर एवं प्रशासनिक अमला प्रति सप्ताह किसी कम से कम एक ग्राम में ग्रामीणों के साथ बैठकर चर्चा करेंगे कि ग्राम की क्या क्या आवश्यकताएं है और किस प्रकार उसे ग्रामवासियों के साथ ही मिलकर पूरा किया जा सकता है।
जिला कलेक्टर धमतरी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास ने सभी 7 प्रशिक्षुओं को बधाई दी एवं आगे प्रधानमंत्री के मंशा अनुसार मिशन 2047 अनुरूप सभी विकास कार्यों को मिलकर पूरा करने हेतु आदि कर्मयोगी निर्माण को एक अहम कदम बताया।


