मगरलोड में PMFME योजना पर कार्यशाला का सफल आयोजन
किसानों को मिली योजनागत जानकारी
उत्तम साहू
मगरलोड/ 29 अगस्त 2025 - प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME) के अंतर्गत आज मगरलोड जनपद पंचायत में विभागीय अधिकारियों एवं इच्छुक किसानों की कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा एवं जिला व्यापार उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक श्री प्रशांत चंद्राकर के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
किसानों को मिली योजनागत जानकारी
कार्यशाला में डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन (DRP) धमतरी डॉ. संदीप मेश्राम ने किसानों को PMFME योजना की विस्तृत जानकारी दी एवं उन्हें व्यावसायिक खेती व खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के उन्नयन और नई इकाइयों की स्थापना हेतु 35 प्रतिशत तक सब्सिडी अनुदान दिया जाता है। इसके साथ ही मार्केटिंग, ब्रांडिंग और मशीनरी संबंधी सहयोग भी उपलब्ध कराया जाता है।
डॉ. मेश्राम ने किसानों को यह भी बताया कि जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र (DIC) के माध्यम से प्रशिक्षण एवं तकनीकी मार्गदर्शन की सुविधा प्राप्त की जा सकती है।
विशेष अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
कार्यक्रम में जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री वीरेंद्र साहू, उपाध्यक्ष श्री खिलेश साहू, एवं अनेक जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण शामिल रहे।
प्रमुख रूप से उपस्थित अतिथियों में श्री कीर्तन सिंह नरेठी, श्री गुलाब सिंह दीवान, श्री दीपक कुमार सिंहा, श्री श्रवण कुमार साहू, श्री मोहित कुमार सिंहा, श्री वी.वी. सूर्यवंशी, सुश्री नर्मदा भारती, डॉ. भुजेंद्र सोनी, डॉ. खिलेश्वर सोनबेर, डॉ. डागेश कुमार ध्रुव, श्री देवेश कुमार नेताम, श्री देवीराम साहू, श्री विजयकांत साहू, डॉ. प्रमोद कुमार, श्री संतोष कुमार बघेल सहित आत्मा टीम, उद्यानिकी विभाग एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
किसानों के आवेदन और लाभ
कार्यक्रम के दौरान 10 किसानों के आवेदन भी स्वीकार किए गए, जिन्हें आगे बैंकों को प्रेषित किया जाएगा। इनमें दाल मिल, तेल मिल, मिनी राइस मिल, पोहा मिल एवं बेकरी उत्पाद इकाइयों की स्थापना हेतु आवेदन शामिल हैं।
विशेषज्ञों ने किसानों को योजना का लाभ उठाने की प्रक्रिया, इकाइयों के उन्नयन एवं सरकारी अनुदान प्राप्त करने की विस्तृत जानकारी दी।
किसानों की सकारात्मक प्रतिक्रिया
कार्यशाला में बड़ी संख्या में किसान, सरपंच एवं स्थानीय नागरिक शामिल हुए। उपस्थित किसानों ने गहन रुचि के साथ भाग लिया और योजना को ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि एवं अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने वाली महत्वपूर्ण पहल बताया।

