शासकीय वाहनों की लॉग बुक पर उठे सवाल
आरटीआई कार्यकर्ता ने जताई अनियमितता की आशंका, कलेक्टर से जांच की मांग
उत्तम साहू
धमतरी। जिला कार्यालय, राजस्व विभाग धमतरी में संधारित शासकीय वाहनों की लॉग बुक को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। आरटीआई कार्यकर्ता हरिशंकर मरकाम ने इस मामले में कलेक्टर को शिकायत आवेदन सौंपते हुए तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है।
मरकाम ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत उन्होंने वर्ष 2024 से जुलाई 2025 तक की लॉग बुक की सत्यापित प्रतियां मांगी थीं। दस्तावेजों के परीक्षण के बाद यह तथ्य सामने आया कि किसी भी प्रति में शासकीय वाहनों का पंजीयन क्रमांक (वाहन नंबर) अंकित नहीं है।
वाहन नंबर का उल्लेख न होने से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि कौन-सा वाहन कितने किलोमीटर चला और उसमें कितना ईंधन खर्च हुआ। इस स्थिति ने न केवल विभागीय पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं, बल्कि शासकीय निधि के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की आशंका को भी बल दिया है।
आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि यदि लॉग बुक जैसी मूलभूत अभिलेख में ही पारदर्शिता नहीं होगी, तो शासकीय वाहनों के संचालन और ईंधन व्यय की जवाबदेही तय करना असंभव हो जाएगा।
मरकाम ने कलेक्टर से मांग की है कि
प्रकरण की विभागीय जांच हेतु सक्षम अधिकारी नियुक्त किया जाए।
वाहन क्रमांक सहित सही एवं पूर्ण लॉग बुक की प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं।
दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि जांच और की गई कार्रवाई की जानकारी उन्हें लिखित रूप से उपलब्ध कराई जाए।

