नगरी ब्लॉक में कृषि दुकानों की मनमानी से किसान परेशान, जांच में बीज,कीटनाशक और खाद अमानक पाए गए
विभाग ने दुकानदारों को कारण बताओ नोटिस जारी कर..अपना पल्ला झाड़ लिया है
उत्तम साहू
नगरी/ धमतरी जिले आदिवासी विकासखंड नगरी में संचालित सैकड़ों कृषि दुकानों में विभिन्न कंपनियों के बीज, कीटनाशक दवाएं एवं रासायनिक उर्वरक खुलेआम बेचे जा रहे हैं। जो अमानक स्तर का है। इन दुकानों से किसानों को लगातार यह शिकायत रही है कि:
खरीदे गए बीज समय पर अंकुरित नहीं हो रहे हैं। कीटनाशक दवाओं से कीट नियंत्रण नहीं हो पा रहा है।रासायनिक खादों का खेतों में कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है।
लगातार मिल रही इन शिकायतों के मद्देनज़र कृषि विभाग द्वारा नगरी क्षेत्र की कई कृषि दुकानों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को संदेह होने पर बीज, कीटनाशक व खाद के नमूने एकत्र कर प्रयोगशाला परीक्षण हेतु भेजे गए।
जांच रिपोर्ट में सामने आया चौंकाने वाला खुलासा
जून माह में लिए गए इन नमूनों की प्रयोगशाला जांच रिपोर्ट के अनुसार दर्जनों दुकानों में रखे बीज, कीटनाशक एवं रासायनिक खाद अमानक स्तर के पाए गए हैं।
लेकिन विडंबना यह रही कि जब तक जांच रिपोर्ट आई, तब तक वह खराब गुणवत्ता वाला बीज और कीटनाशक किसान अपने खेतों में उपयोग कर चुके थे।
किसानों को हुए नुकसान के लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए
अब जब फसलें खराब हो रही हैं, किसान आर्थिक नुकसान झेलने को मजबूर हैं। स्थिति और भी गंभीर इसलिए हो जाती है क्योंकि:
कई दुकानदार किसानों को पक्की रसीद (बिल) नहीं देते, जिससे किसान शिकायत या मुआवजे का दावा भी नहीं कर सकते।
विभाग की ओर से देर से कार्रवाई होने के कारण दोषी दुकानदारों को समय रहते रोका नहीं गया।
कृषि विभाग से अपेक्षित कार्रवाई इस मामले में अब यह आवश्यक है
1. अमानक बीज, कीटनाशक व खाद बेचने वाले दुकानदारों की जांच कर कठोर कार्रवाई की जाए।
2. बिना पक्की रसीद के बिक्री करने वाले दुकानों के विरुद्ध नियम अनुसार लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई हो।
3. जिन किसानों को नुकसान हुआ है, उनकी फसल बीमा योजना या मुआवजा के लिए विशेष पहल की जाए।
4. भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रत्येक कृषि केंद्र में अनिवार्य रूप से रसीद देने की व्यवस्था लागू की जाए और प्रभावी निगरानी तंत्र विकसित किया जाए।


