नगरी का दशहरा कल 3 अक्टूबर को, 35 फीट के रावण दहन के साथ होगी आकर्षक आतिशबाजी
आनंद कला मंदिर समिति के सदस्य तैयारी में जुटे
उत्तम साहू
नगरी। कौमी एकता का प्रतीक नव आनंद कला मंदिर नगरी द्वारा आयोजित नगर स्तरीय नवदुर्गा एवं विजयादशमी महोत्सव इस वर्ष भी धूमधाम से मनाया जा रहा है। समिति की महासचिव नरेश छेदैहा ने बताया कि परंपरानुसार नगरी का दशहरा रावण भाठा मैदान में प्रतिवर्ष एकादशी के दिन ही मनाया जाता है।
इस बार महोत्सव में पुरानी बस्ती सेवा दल के कलाकार रामलीला का मंचन करेंगे। राम दल और रावण दल के लिए अलग-अलग रथ तैयार किए गए हैं, जिनकी शोभायात्रा नगर भ्रमण कर शाम 5 बजे मैदान पहुँचेगी। राम-रावण युद्ध पर आधारित मंचन आकर्षक वेशभूषा और अनूठी शैली में प्रस्तुत होगा।
आयोजन में 35 फीट ऊँचे रावण का दहन मुख्य आकर्षण रहेगा। पुतला दहन के तुरंत बाद आंध्रप्रदेश की आकर्षक आतिशबाजी से आसमान रोशन होगा।
कार्यक्रम स्थल पर मेले का माहौल रहेगा। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा की चुस्त व्यवस्था की है, वहीं नगर पंचायत नगरी ने साफ-सफाई और पेयजल की व्यवस्था की है। आयोजन समिति और नगर पंचायत के पदाधिकारी व कार्यकर्ता तैयारी में जुटे हैं।
बस्तर राजवाड़ा की परंपरा से जुड़ा नगरी का दशहरा
नगरी का विजयादशमी उत्सव बस्तर राजवाड़ा से जुड़ी परंपरा का हिस्सा है। यहां गांधी चौक स्थित प्राचीन श्री दंतेश्वरी मंदिर आज भी बस्तर महाराजा की ऐतिहासिक धरोहर को संजोए हुए है। मंदिर में महाराजा प्रवीरचन्द्र भंजदेव और महारानी वेदवती का दुर्लभ चित्र मौजूद है।
आयोजन की तैयारी में अध्यक्ष मोरध्वज पटेल ,कोषाध्यक्ष अनिल वाधवानी ,सचिव दीपेश निषाद, सहसचिव भरत लाल साहू, योगेश कुमार साहू ,सह कोषाध्यक्ष मिश्री तातेड़ उपाध्यक्ष गण सुरेश साहू, अशोक पटेल ,रवेंद्र साहू ,अश्वनी निषाद, शंकर देव, देवचरण ध्रुव, देवेंद्र साहू ,विकास सोनी, संकेत चौहान, नेहल देवांगन ,नगर पंचायत के अध्यक्ष बलजीत छाबड़ा, उपाध्यक्ष विकास बोहरा, समस्त पार्षद गण, नगर व्यवस्था समिति के अध्यक्ष नंद यादव उपाध्यक्ष दुलेश्वर गौर ,सहदेव साहू, ईश्वर साहू, दीनदयाल सरपा,हेमलाल सेन ,हरीश सार्वा,धरम निषाद ,सचिव प्रदीप छाजेड़ ,सह सचिव नरेंद्र नाग ,कोषाध्यक्ष ज्वाला प्रसाद साहू श्री राम नवयुवक परिषद नगरी के उपाध्यक्ष रोहित नाग, हरीश यादव सहसचिव महेंद्र साहू शंभु चिण्डा सहित हृदय नाग,बृजलाल सार्वा नोहर साहू ,परसादी राम चंद्रवंशी, उत्तम गौर, ओम प्रकाश पटेल आदि जुटे हैं।
इतिहास में पांच गांव नगरी, सांकरा, रानीगांव, आमगांव और बिरगुड़ी। इन पांचों गांवों में एकादशी को ही दशहरा मनाने की परंपरा है।

