आदिवासी हॉस्टल में 5 वीं की छात्रा ने की आत्महत्या,

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 आदिवासी हॉस्टल में 5 वीं की छात्रा ने की आत्महत्या, 

यूनिफार्म की टाई से बने फंदे पर लटकी मिली लाश, जानिए क्यों उठाया ये खौफनाक कदम…

 



कोंडागांव जिले के माकड़ीविकासखंड के कांटागांव स्थित आदिवासी कन्या आश्रम में शनिवार को एक 11 वर्षीय छात्रा चंपा नेताम पिता रामचंद निवासी बिवला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।


मृतका आश्रम में कक्षा पहली से निवासरत थी और वर्तमान में कक्षा पांचवीं की छात्रा थी। घटना शनिवार सुबह लगभग 10 बजे की बताई जा रही है। आश्रम की छात्रा लालिमा सोरी ने बताया कि वह जब घटना वाले कक्ष में गई तो चंपा नेताम को अपने स्कूल यूनिफार्म की टाई से खिड़की में लटका हुआ देखा। लालिमा ने बिना किसी शिक्षक या अधीक्षिका को सूचना दिए कैची से टाई काटकर चंपा को नीचे उतारा। इसके बाद शिक्षकों को जानकारी दी गई और तत्काल बच्ची को माकड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम अजय उरांव, सहायक आयुक्त कृपेंद्र तिवारी, तहसीलदार, खंड शिक्षा अधिकारी एवं अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना स्थल का निरीक्षण कर जांच शुरू की। शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है। इधर, गांव के सरपंच मोतीराम मरकाम ने बताया कि उन्हें सुबह 10:45 बजे आश्रम शाला से कॉल आया कि छात्रा बेहोश हो गई है। उन्होंने तत्काल स्वास्थ्य कार्यकर्ता को सूचित किया। सरपंच ने बताया कि यह घटना बच्चों के भोजन के समय की है। ऐसे में यदि कोई बच्चा अनुपस्थित था तो आश्रम स्टाफ को इसकी जानकारी होनी चाहिए थी। सरपंच ने इसे आश्रम प्रशासन की गंभीर लापरवाही बताया।


वहीं बिवला गांव के सरपंच लक्ष्मण नेताम ने परिजनों की ओर से गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बच्ची को पिछले मंगलवार को ही आश्रम में छोड़ा गया था और वह पूरी तरह मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ थी। उन्होंने कहा कि घटना सुबह 10 बजे की है, लेकिन परिजनों को दोपहर 12 बजे के बाद जानकारी दी गई। आश्रम अधीक्षिका या स्टाफ द्वारा तत्काल सूचना न दिया जाना संदेहास्पद है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पहले बच्ची के स्वास्थ्य खराब होने का बहाना बनाकर परिजनों को भ्रमित किया गया। सरपंच ने उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।


इस संबंध में आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त कृपेंद्र तिवारीने बताया कि, घटनाकी जानकारी लगते ही एसडीएम अजयउरांव, तहसीलदार, पुलिस, खंड शिक्षा अधिकारी, जनप्रतिनिधि व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। यह घटना शाला संचालन के समय की है, इसलिए जांच का विषय है कि बच्ची को फांसी लगाने तककिसी कोभनकक्यों नहीं लगी। जांच पूरी होने के बाद दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम अजय उरांव ने बताया कि प्रारंभिक जांच में छात्रा अपनी टाई से खिड़की में लटकते हुए पाई गई है। उन्होंने कहा कि शव परीक्षण रिपोर्ट आने के बादहीयह स्पष्ट हो सकेगा कि यह आत्महत्या थी या हादसा।


जिले के माकड़ी विकासखंड के कांटागांव स्थित आदिवासी कन्या आश्रम में शनिवार सुबह एक 11 वर्षीय छात्रा ने आत्महत्या कर ली। छात्रा चंपा नेताम, निवासी बिवला, कक्षा पांचवीं में अध्ययनरत थी और आश्रम में कक्षा पहली से रह रही थी। घटना में उसने कथित रूप से स्कूल यूनिफार्म की टाई से खिड़की में फंदा बनाकर फांसी लगाई।  


 घटना का विवरण

- समय: शनिवार, लगभग सुबह 10 बजे  

- घटना देखने वाली छात्रा: लालिमा सोरी, जिसने टाई काटकर चंपा को नीचे उतारा और बाद में शिक्षकों को सूचना दी।  

- बच्ची को तत्काल माकड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित किया।  


 प्रशासनिक कार्रवाई

- सूचना मिलने पर एसडीएम अजय उरांव सहायक आयुक्त कृपेंद्र तिवारी, तहसीलदार, खंड शिक्षा अधिकारी, पुलिस और जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे।  

- शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंपा गया।  

- प्रारंभिक जांच में बच्ची को टाई से खिड़की में लटका पाया गया, आगे की स्पष्टता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मिलेगी।  

 परिजनों और जनप्रतिनिधियों के आरोप

सरपंच मोतीराम मरकाम ने घटना को आश्रम प्रशासन की गंभीर लापरवाही बताया, साथ ही कहा कि भोजन समय में अनुपस्थित बच्चों की सूचना स्टाफ को होनी चाहिए थी।  

बिवला गांव के सरपंच लक्ष्मण नेताम ने कहा कि बच्ची मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ थी, मात्र चार दिन पहले आश्रम में छोड़ी गई थी।  

- परिजनों को घटना की जानकारी लगभग दो घंटे बाद दी गई और पहले स्वास्थ्य खराब होने का बहाना बनाकर भ्रमित किया गया।  

- उच्च स्तरीय जांच व दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।  


विभागीय प्रतिक्रिया

- सहायक आयुक्त कृपेंद्र तिवारी ने कहा कि चूंकि घटना शाला संचालन के समय हुई, यह जांच का विषय है कि फांसी लगाने तक किसी को सूचना क्यों नहीं मिली।  

- जांच पूरी होने के बाद दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।  



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