हिरण का शिकार: चार आरोपी गिरफ्तार, वन विभाग व पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
महासमुंद/बागबाहरा वन परिक्षेत्र के ग्राम दारगांव में वन्यजीव संरक्षण कानून का गंभीर उल्लंघन सामने आया है। चीतल की निर्मम हत्या कर उसका मांस काटकर बेचने का मामला प्रकाश में आया है। इस प्रकरण में महासमुंद पुलिस ने चार संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है।
छापेमारी में चीतल का सिर बरामद
सूचना मिलते ही वन विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दारगांव गांव में छापेमारी की। टीम ने संदिग्धों के घरों की तलाशी के दौरान चीतल का सिर बरामद किया। आरोपियों की पहचान जोकड़ ठाकुर, मिलन ठाकुर, शक्ति ठाकुर और शोभित ठाकुर के रूप में की गई है।
वन विभाग ने गिरफ्तारी के बाद चारों आरोपियों से विस्तृत पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि चीतल का अवैध शिकार कर उसका मांस बेचने की योजना बनाई गई थी। विभाग ने इसको वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9 के तहत गंभीर अपराध माना है। राहत की बात यह है कि समय रहते टीम ने कार्रवाई कर वन्यजीव अवयवों की बिक्री को रोक दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही बागबाहरा वन परिक्षेत्र अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची और पूरे क्षेत्र की जांच शुरू कर दी। विभाग द्वारा घटनास्थल का मुआयना करने के बाद प्रमाणिक सबूत जुटाए जा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि सभी पहलुओं की जांच के बाद विस्तृत रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी जाएगी।

