धमतरी पुलिस की एक और बड़ी कार्रवाई..फर्जी सिम कार्ड जारी करने वाले दो एजेंट गिरफ्तार,मोबाइल और सिम जब्त

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धमतरी पुलिस की एक और बड़ी कार्रवाई..फर्जी सिम कार्ड जारी करने वाले दो एजेंट गिरफ्तार,मोबाइल और सिम जब्त

        थाना अर्जुनी और थाना मगरलोड की कार्यवाही 



उत्तम साहू 

धमतरी,15 अक्टूबर 2025 धमतरी पुलिस ने साइबर अपराधों पर नकेल कसते हुए फर्जी सिम कार्ड जारी करने वाले दो पीओएस एजेंटों को गिरफ्तार किया है। थाना अर्जुनी और थाना मगरलोड पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में मोबाइल, सिम और अन्य उपकरण जब्त किए गए हैं।

एसपी धमतरी के निर्देश पर चल रहे अभियान में अब तक 6 आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। पुलिस ने ऐसे लोगों को चेतावनी दी है जो फर्जी सिम जारी करने या “म्यूल अकाउंट” चलाने जैसे कार्यों में शामिल हैं।

             थाना अर्जुनी की कार्रवाई

पुलिस मुख्यालय नवा रायपुर से मिली जानकारी के बाद अर्जुनी पुलिस ने जांच शुरू की। जांच में पता चला कि नूरेन्द्र पुरी (23 वर्ष, निवासी तरसींवा) नामक पीओएस एजेंट ने एयरटेल के 95 और वोडाफोन-आईडिया के 44, कुल 139 फर्जी सिम कार्ड जारी किए थे। आरोपी ने ग्राहकों के आधार, फोटो और बायोमेट्रिक डेटा का दुरुपयोग कर सिम कार्ड सक्रिय किए, जिन्हें बाद में साइबर ठगी और ओटीपी चोरी जैसे अपराधों में उपयोग किया गया।


जिस पर अपराध क्रमांक 40/2025 दर्ज कर आरोपी को धारा 318(4) BNS, 66(सी) आईटी एक्ट, और टेलीकम्युनिकेशन एक्ट 2023 की धारा 42(3)(E) के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।

           थाना मगरलोड की कार्रवाई

वहीं, मगरलोड पुलिस ने शिकायत के आधार पर नंदकुमार निषाद (41 वर्ष, निवासी बोरसी भाठापारा) को गिरफ्तार किया है।

आरोपी ने वर्ष 2022 में एक ग्राहक के आधार व फेस आईडी का उपयोग कर फर्जी जिओ सिम कार्ड किसी अन्य व्यक्ति को जारी कर दिया था। उसके पास से पीओएस उपकरण व मोबाइल बरामद किए गए हैं।

जिस पर अपराध क्रमांक 57/2025 पर धारा 419, 420 भा.दं.सं., 66(सी) आईटी एक्ट व 42(3)(E) टेलीकम्युनिकेशन एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया है।


सिटी कोतवाली व सिहावा पुलिस पहले ही चार आरोपियों को जेल भेज चुकी है।

धमतरी पुलिस का कहना है कि फर्जी सिम कार्ड जारी करने वालों और म्यूल अकाउंट धारकों पर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

         क्या होता है “म्यूल अकाउंट”?

म्यूल अकाउंट वे बैंक खाते होते हैं जिनका उपयोग ठगी से प्राप्त पैसों को छिपाने या आगे ट्रांसफर करने में किया जाता है।

जो लोग अपने खाते दूसरों को उपयोग के लिए देते हैं, वे भी अपराध में सहभागी माने जाते हैं और उन पर आईटी एक्ट व ठगी की धाराओं में कार्रवाई हो सकती है।

         फर्जी सिम से कैसे होता है धोखा

फर्जी सिम कार्ड झूठे दस्तावेज़ों या किसी और की पहचान पर जारी किए जाते हैं। इनका उपयोग ऑनलाइन फ्रॉड, बैंक ठगी और फर्जी कॉल सेंटरों में होता है।

ऐसे सिम बेचने या इस्तेमाल करने वाले को भी अपराधी माना जाता है।

            धमतरी पुलिस की अपील

धमतरी पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने नाम पर जारी सिम कार्डों की जांच TAFCOP पोर्टल पर करें:

👉 https://tafcop.sancharsaathi.gov.in/

अपने मोबाइल नंबर दर्ज कर देखें कि आपके नाम पर कितने कनेक्शन जारी हैं, और किसी फर्जी नंबर की तुरंत शिकायत करें।

              धमतरी पुलिस का संदेश:

 फर्जी सिम बेचने वाले और म्यूल अकाउंट धारक सावधान रहें आप सीधे साइबर अपराध में सहभागी बन रहे हैं। अब तक छह आरोपी जेल जा चुके हैं, कार्रवाई लगातार जारी है।






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