धमतरी के किसानों को आधुनिक कृषि से जोड़ने नयी पहल,एआई आधारित फ्यूचर फार्मिंग

0

 

धमतरी के किसानों को आधुनिक कृषि से जोड़ने नयी पहल,एआई आधारित फ्यूचर फार्मिंग

कुरूद ब्लॉक के 20 ग्रामों में पायलट प्रोजेक्ट से किसानों को सम-सामयिक सलाह

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नवाचार की सराहना की


उत्तम साहू 

धमतरी, 19 नवम्बर 2025। कृषि में नवाचारों के लिए पहचाने जाने वाले धमतरी जिले में खेती को आधुनिक स्वरूप देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। परंपरागत कृषि पद्धतियों के साथ-साथ अब किसान एडवांस टेक्नोलॉजी को अपना रहे हैं। इसी उद्देश्य से जिला प्रशासन की पहल पर एआई आधारित फ्यूचर फार्मिंग का पायलट प्रोजेक्ट कुरूद ब्लॉक के 20 ग्रामों में कार्यरत है, जिसने किसानों को वैज्ञानिक और समयानुकूल कृषि सलाह उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है।


प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त के राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान शोभाराम देवांगन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में आज केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस अत्याधुनिक तकनीक का अवलोकन किया। प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन की जानकारी लेते हुए उन्होंने जिले में हो रहे प्रयोगों की सराहना की और इसे किसानों के भविष्य के लिए महत्त्वपूर्ण बताया।

      कैसे हो रहा है एआई का उपयोग

पायलट प्रोजेक्ट के इंप्लीमेंट हेड श्री राहुल कांबले के अनुसार कुरूद ब्लॉक के 20 ग्रामों के 200 किसानों को इस तकनीक से जोड़ा गया है। इसके तहत किसानों को निम्नलिखित चरणों पर वैज्ञानिक सलाह उपलब्ध कराई जाती है— प्री प्लांटिंग,बुवाई,फसल उभरना,फसल विकास,कीटनियंत्रण परिपक्वता,कटाई व सप्लाई चेन प्रबंधन

प्रोजेक्ट की विशेषता यह है कि हर किसान को उसके खेत की मिट्टी, वर्तमान मौसम, नमी और पर्यावरणीय परिस्थितियों के आधार पर व्यक्तिगत कृषि सलाह उपलब्ध कराई जाती है। यह छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जिसमें इतने बड़े पैमाने पर एआई आधारित कृषि विश्लेषण किसानों तक पहुंचाया जा रहा है।

पहले चरण में जिन 20 ग्रामों को शामिल किया गया है, वे हैं

पचपेड़ी, जुगदेही, गोबरा, हंचलपुर, चरमुड़िया, कोर्रा, सौराबांधा, सिलौटी, तर्रागोंदी, टिपानी, बोरझरा, गातापार, भाटागांव, राखी, मेंडरका, कुहकुहा, भालूकोन्हा, अटंग, भरदा और भोथली। प्रत्येक ग्राम से 10-10 किसानों का चयन किया गया है जिन्हें महीने में दो बार प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

किसानों को मिट्टी जांच, फसल अनुकूलन, मौसम आधारित सलाह और स्वचालित निगरानी तकनीकों के उपयोग की भी जानकारी दी जा रही है।

250 एकड़ में क्रॉप एडवाइजरी, 5 एकड़ में वेदर अलर्ट

कंपनी के एग्रोनोमिस्ट श्री शांतनु जायले ने बताया कि प्रोजेक्ट के तहत 5 एकड़ खेत में वेदर अलर्ट सिस्टम सक्रिय किया गया है, जबकि 250 एकड़ क्षेत्र में क्रॉप एडवाइजरी दी जा रही है।

फसल चक्र परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को चना, मिर्च, टमाटर, बैंगन जैसी सब्जी वर्गीय फसलें लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही नई तकनीकों और नवाचारों से भी किसानों को परिचित कराया जा रहा है।

    मखाना उत्पादन और अन्य नवाचार

कार्यक्रम में उद्यानिकी विभाग द्वारा जिले में प्रारंभ की गई मखाना फॉर्मिंग की भी प्रस्तुति दी गई। बताया गया कि परसतराई, रांवा और पचपेड़ी में लगभग 20 एकड़ तालाबों में मखाने की खेती की जा रही है, जो भविष्य में जिले के किसानों के लिए नई संभावनाएं खोल सकती है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने ग्राम मसानडबरा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए आवासों का मॉडल भी प्रदर्शित किया, जिसे मंत्रीगणों ने सराहा।

धमतरी जिले में कृषि के क्षेत्र में यह तकनीकी परिवर्तन आने वाले समय में खेती को और अधिक लाभकारी, टिकाऊ और वैज्ञानिक आधार देगा। केंद्रीय कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री ने जिले की इस पहल की प्रशंसा करते हुए किसानों को आधुनिक तकनीक अपनाने हेतु शुभकामनाएं दीं और प्रशासन को अभिनव कार्यों के लिए बधाई दी।

Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !