कर्राघाटी चौक में हजारों किसान डटे स्टेट हाईवे पर , पाँच सूत्रीय मांगों को लेकर जाम किया सड़क
विधायक अंबिका मरकाम भी पहुँचीं धरना स्थल
उत्तम साहू
नगरी। मंगलवार की सुबह ब्लॉक मुख्यालय नगरी का कर्राघाटी चौक अचानक किसान आंदोलन के रंग में रंग उठा। वनाचंल क्षेत्र एवं आसपास के ग्रामों से उमड़े हजारों किसानों ने अपनी पाँच प्रमुख मांगों के समर्थन में स्टेट हाईवे नगरी–धमतरी मार्ग को पूरी तरह ठप कर दिया। दिनभर लगे "किसान संघर्ष समिति ज़िंदाबाद" के नारों ने पूरे इलाके में उग्र आंदोलन का माहौल बनाए रखा।
किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का दावा करती है, लेकिन जमीनी हालात इसके उलट हैं। उपार्जन केंद्रों में प्रतिदिन खरीदी की सीमित व्यवस्था, पंजीयन में लगातार तकनीकी गड़बड़ियाँ और वनग्राम–राजस्व ग्राम की जटिलताओं ने किसानों की कमर तोड़ दी है।
कई किसानों ने बताया कि धान उपार्जन पोर्टल की त्रुटियों के कारण उनका पंजीयन तक नहीं हो पाया है, जबकि ऋण दोनों जगह बकाया है "धान बिकेगा कैसे, और कर्ज चुकाएँगे कैसे?" इसी सवाल पर किसान सड़क पर उतर आए।
चिटफंड घोटालों में फँसी जनता की रकम अब तक वापस न होने का मुद्दा भी आंदोलन के केंद्र में रहा। किसानों ने चेतावनी दी कि समस्या समाधान की ठोस घोषणा हुए बिना आंदोलन खत्म नहीं होगा।
किसानों की पाँच प्रमुख मांगें
- वनग्राम–राजस्व ग्राम के किसानों के पंजीयन में सुधार कर तत्काल टोकन जारी किए जाएँ।
- उपार्जन केंद्र बेलरबाहरा की प्रतिदिन खरीदी सीमा 450 क्विंटल से बढ़ाकर 2000 क्विंटल की जाए।
- ग्राम ठेनही के 9 तथा अरसीकन्हार के 5 किसानों का पंजीयन सुधारकर उन्हें बेलरबाहरा उपार्जन केंद्र में जोड़ा जाए।
- वनग्राम से राजस्व ग्राम में परिवर्तन हेतु किसानों को नवीन पट्टा प्रदान किया जाए।
- चिटफंड अधिनियम 2019 को प्रभावी रूप से लागू कर निवेशकों की राशि शीघ्र लौटाई जाए।
विधायक अंबिका मरकाम भी पहुँचीं धरना स्थल
धरना स्थल पर पहुँचकर विधायक अंबिका मरकाम ने किसानों की आवाज़ का समर्थन करते हुए कहा—
“यह सिर्फ नगरी की नहीं, पूरे प्रदेश के किसानों की समस्या है। नया पोर्टल शुरू होने के बाद गड़बड़ियाँ लगातार सामने आ रही हैं। यदि एक सप्ताह में समस्याएँ हल नहीं होतीं, तो मैं भी किसानों के साथ आंदोलन में खड़ी नज़र आऊँगी।”
प्रशासन ने संभाली मोर्चा, माँगा एक सप्ताह का समय
एसडीएम प्रीति दुर्गम किसानों के बीच पहुँचीं और सभी मुद्दों के समाधान के लिए एक सप्ताह का समय माँगा। किसान संघर्ष समिति ने स्पष्ट कहा कि उन्हें लिखित आश्वासन चाहिए, तभी जाम हटाने पर विचार होगा
इस दौरान धरना-प्रदर्शन में जनपद सदस्य सिरधन सोम, प्रमोद कुंजाम, घनश्याम नेताम, नेहरू लाल, तरुण कुमार, महेंद्र कुमार, जितेन्द्र, लोभान सिंह, लक्ष्मीनाथ सहित अनेक ग्रामीण प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
किसानों ने साफ कहा “यदि तय समय सीमा में कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और उग्र होगा।”
सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
जाम की स्थिति को देखते हुए प्रशासन की ओर से एडिशनल एसपी शैलेश पांडे, एसडीओपी नितिन रंगारी, तहसीलदार चुनेंद्र ध्रुव, नगरी–सिहावा क्षेत्र के थाना प्रभारी और पूरा राजस्व अमला मौके पर तैनात रहा।
कर्राघाटी चौक का यह दिन किसानों की एकजुट आवाज़ और संघर्ष का बड़ा संदेश देकर समाप्त हुआ अब समाधान ही आंदोलन की दिशा तय करेगा।

