राजस्व रिकॉर्ड में खेल! फर्जी नामांतरण का पर्दाफाश SDM व पटवारी पर FIR के आदेश
रायगढ़। जमीन की हेराफेरी और दस्तावेजों की कूटरचना से जुड़े एक सनसनीखेज मामले में घरघोड़ा के पूर्व एसडीएम अशोक कुमार मार्बल, पटवारी परमेश्वर नेताम, जमीन विक्रेता बिहारी पटेल, तथा बिक्री पत्र के गवाह सुरेन्द्र गुप्ता पर अदालत ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया है।
इन सभी पर IPC की धारा 420, 419, 467, 468, 471 और 120-B के गंभीर अपराधों के तहत मुकदमा दर्ज करने के निर्देश जारी हुए हैं।
लैलूंगा के व्यापारी अशोक कुमार अग्रवाल ने अदालत में क्रिमिनल कंप्लेंट दायर कर आरोप लगाया कि एसडीएम और पटवारी ने जिंदल पावर एंड स्टील लिमिटेड की जमीन (खसरा नंबर 208, रकबा 0.773 हेक्टेयर) को रिकॉर्ड में गलत ढंग से बदल दिया।
फर्जी खसरा, बी-1 एवं ऋण पुस्तिका तैयार कर बिहारी पटेल को उस भूमि का मालिक दिखा दिया।
इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 23 जनवरी 2018 को जमीन की रजिस्ट्री 11,84,000 रुपए में कर दी गई।
चौंकाने वाली बात—रजिस्ट्री के बाद खरीददार के नाम फर्जी नामांतरण भी कर दिया गया।
ऑनलाइन दस्तावेज निकालने पर खरीदार दंग रह गया—भूमि तो वेणूधर पिता ईश्वर के नाम पर दर्ज थी!
जांच में पता चला कि 2017 के रिकॉर्ड में यह जमीन जिंदल पावर लिमिटेड के नाम थी और बिहारी पटेल इसका मालिक कभी रहा ही नहीं।
पीड़ित की तरफ से प्रस्तुत साक्ष्यों और वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक कुमार मिश्रा – आशीष कुमार मिश्रा की दलीलों को सुनने के बाद
न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी घरघोड़ा, श्री दामोदर प्रसाद चन्द्रा की अदालत ने थाना लैलूंगा को FIR दर्ज कर विस्तृत विवेचना करने व अभियोग पत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
पीड़ित ने फैसले को “सत्य और न्याय की जीत” बताते हुए कहा “मुझे पता था कि न्याय सिर्फ अदालत से ही मिलेगा, इसलिए मैं अपनी फरियाद लेकर यहां आया।”
मिश्रा चेंबर के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कहा— “यह आदेश उन भ्रष्ट अधिकारियों के लिए स्पष्ट संदेश है कि कानून की नजर में सभी बराबर हैं। ऊंचे पद पर बैठकर अपराध करने की छूट किसी को नहीं।”
एसडीएम पर पहले से भी भू-अर्जन घोटाले में मामला आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (EOW), रायपुर में लंबित।
बजरमुड़ा जमीन घोटाले में भी इनके खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश कलेक्टर रायगढ़ द्वारा जारी किया जा चुका है।

