ट्रेन हादसे में मासूम ने खो दिया पूरा परिवार.. मां-पिता और नानी की दर्दनाक मौत,
यह दर्दनाक हादसा एक मासूम की जिंदगी में ऐसा जख्म छोड़ गया है, जिसे शायद वक्त भी नहीं भर पाएगा।
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में रविवार देर शाम हुए भीषण रेल हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया। लाल खदान के पास ग्राम गतौरा में गेवरा रोड मेमू लोकल ट्रेन और मालगाड़ी की टक्कर में कई लोगों की जान चली गई, वहीं एक मासूम बालक अपने पूरे परिवार को खो बैठा। हादसे में घायल मासूम को जब रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाला, तो वह अकेला और बेसहारा मिला। बाद में उसकी पहचान ऋषि यादव के रूप में हुई।
जानकारी के अनुसार, ऋषि अपने पिता अर्जुन यादव, मां शीला यादव और नानी मानवती यादव के साथ नैला स्टेशन से गेवरा रोड मेमू लोकल में सवार हुआ था। परिवार बिलासपुर जा रहा था, लेकिन सफर बीच रास्ते में ही हमेशा के लिए थम गया। हादसे में तीनों वयस्कों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बालक ऋषि गंभीर रूप से घायल हुआ। उसे पहले रेलवे अस्पताल बिलासपुर में भर्ती कराया गया, बाद में बेहतर इलाज के लिए अपोलो अस्पताल रेफर किया गया। डॉक्टरों के अनुसार, बालक की स्थिति अब खतरे से बाहर है।
हादसे में मृत शीला यादव का शव रेलवे अस्पताल बिलासपुर में रखा गया है, जबकि अर्जुन यादव और मानवती यादव के शव सिम्स अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपे जाएंगे। परिवार के अन्य सदस्य बिलासपुर पहुंच चुके हैं।
रेलवे के सीपीआरओ विपुल कुमार ने बताया कि घायलों का उपचार रेलवे अस्पताल, सिम्स और अपोलो में जारी है। रेलवे और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर लगातार राहत और बचाव कार्य कर रही हैं। पैसेंजर ट्रेन की बोगी को गैस कटर से काटकर फंसे यात्रियों को निकाला जा रहा है। अब तक दो यात्रियों को बोगी से सुरक्षित बाहर निकाला गया है।
केंद्र और राज्य सरकार से मुआवजे की घोषणा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे की जानकारी लेते हुए मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये और गंभीर घायलों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये देने का ऐलान किया है।
इस हादसे के बाद कोरबा-बिलासपुर रेलमार्ग पर ट्रेनों का आवागमन बाधित है। आजाद हिंद एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, अमरकंटक एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनें 4 से 5 घंटे की देरी से चल रही हैं।

