शासकीय महाविद्यालय करतला में जनजातीय गौरव दिवस उत्साहपूर्वक सम्पन्न
मुख्य वक्ता रघुराज सिंह उइके ने जनजातीय नायकों की विरासत अपनाने का दिया संदेश
कोरबा। शासकीय महाविद्यालय करतला में जनजातीय गौरव दिवस बड़े उत्साह, सांस्कृतिक गरिमा और पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया गया। महाविद्यालय परिसर में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में जनजातीय नायकों के शौर्य, योगदान और गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत पर व्यापक चर्चा हुई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जुड़ावन सिंह ठाकुर (प्रांत अध्यक्ष, विद्या भारती) ने कहा कि जनजातीय समाज ने सदियों से प्रकृति संरक्षण, सामाजिक एकता और साहसिक जीवन मूल्यों को सुरक्षित रखा है। उन्होंने छात्रों से इन मूल्यों को जीवन में अपनाने की अपील की।
मुख्य वक्ता रघुराज सिंह उइके (अध्यक्ष, वनवासी कल्याण आश्रम, कोरबा) ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा कि जनजातीय नायक केवल इतिहास के पात्र नहीं, बल्कि जीवंत प्रेरणा के स्तंभ हैं। उन्होंने आत्मसम्मान, स्वाभिमान और संघर्षशीलता के बल पर राष्ट्र की रक्षा की। युवा पीढ़ी को उनके पदचिन्हों पर चलकर समाज व राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का संदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जनजातीय संस्कृति प्रकृति से जुड़ी जीवनशैली का प्रतीक है, जो आज के बदलते समय में और भी आवश्यक हो गई है।
विशिष्ट अतिथि पुष्पराज सिंह (जिला संयोजक, जनजाति सुरक्षा मंच) तथा बीरबल सिंह (लोक कला आयाम प्रमुख) ने अपने वक्तव्य में जनजातीय कला, लोकपरंपराओं और रीति-रिवाजों को हमारी सांस्कृतिक धरोहर का मूल स्वरूप बताते हुए इनके संरक्षण और प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने युवाओं को पारंपरिक कलाओं को सीखकर वैश्विक मंच पर अपनी विरासत को पहचान दिलाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम का सफल संयोजन डॉ. सपना मिश्रा ने किया तथा मनीषा मिंज टोप्पो ने सहयोग प्रदान किया।
अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य मृगेश कुमार यादव ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों में सांस्कृतिक जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी दोनों का विकास करते हैं।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने पारंपरिक नृत्य, गीत, वाद-विवाद और विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से जनजातीय गौरव और परंपरा का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं एवं क्षेत्रवासियों की उपस्थिति रही।

