छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी, 115 करोड़ के लेन-देन का ED का दावा
विशेष अदालत में 3 दिन की रिमांड पर फैसला सुरक्षित
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच की रफ्तार तेज करते हुए निलंबित राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया है। ईडी का आरोप है कि शराब घोटाले से जुड़े करीब 115 करोड़ रुपये उनके पास तक पहुंचाए गए। गिरफ्तारी के बाद एजेंसी ने उन्हें रायपुर की विशेष अदालत में पेश कर तीन दिन की रिमांड की मांग की है, जिस पर अदालत ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया है।
मंगलवार को ईडी ने सौम्या चौरसिया को पूछताछ के लिए तलब किया था। कई घंटे चली पूछताछ के दौरान सामने आए दस्तावेज़ी और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर एजेंसी ने उनकी गिरफ्तारी की। बुधवार को विशेष अदालत में पेशी के दौरान ईडी और बचाव पक्ष के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं।
3200 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की परतें
ईडी के अनुसार, यह मामला वर्ष 2019 से 2023 के बीच का है, जब तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में शराब नीति में बदलाव किए गए। आरोप है कि नीति इस तरह तैयार की गई, जिससे कुछ चुनिंदा कंपनियों को अनुचित लाभ मिला और राज्य को भारी आर्थिक नुकसान हुआ। एजेंसी का दावा है कि पूरे मामले का कुल घोटाला करीब 3200 करोड़ रुपये तक पहुंचता है।
नकली होलोग्राम से टैक्स चोरी
जांच में यह भी सामने आया है कि शराब की बोतलों पर लगाए जाने वाले होलोग्राम और सील फर्जी थे, जिन्हें नोएडा की एक निजी फर्म के माध्यम से तैयार कराया गया। इन नकली होलोग्राम के कारण शराब की बिक्री का पूरा डेटा सरकारी सिस्टम में दर्ज नहीं हुआ और बिना एक्साइज टैक्स के शराब बेची जाती रही। इससे राज्य सरकार को 2165 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व नुकसान का अनुमान है।
115 करोड़ सौम्या तक, 72 करोड़ हवाला से इधर-उधर
ईडी के रिमांड आवेदन में कहा गया है कि घोटाले की रकम में से 115 करोड़ रुपये लक्ष्मीनारायण बंसल के जरिये सौम्या चौरसिया तक पहुंचे। वहीं, आरोपी तांत्रिक केके श्रीवास्तव से पूछताछ में खुलासा हुआ कि 72 करोड़ रुपये हवाला नेटवर्क के माध्यम से ट्रांसफर किए गए।
कोयला घोटाले की डायरी ने खोले नए राज
ईडी ने अदालत को यह भी बताया कि कोयला घोटाले की जांच के दौरान बरामद एक डायरी में 43 करोड़ रुपये की ऐसी एंट्री मिली है, जिसका संबंध शराब घोटाले से जोड़ा जा रहा है। इस डायरी में अनवर ढेबर और पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा के नामों का उल्लेख है।
गौरतलब है कि सौम्या चौरसिया इससे पहले कोयला घोटाले में भी आरोपी रह चुकी हैं। मई महीने में सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सशर्त जमानत मिली थी, जिसमें राज्य से बाहर रहने के निर्देश भी शामिल थे।
अब तक कई बड़े नाम ED की गिरफ्त में
शराब घोटाले में अब तक कई चर्चित नामों पर कार्रवाई हो चुकी है। इनमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर शामिल हैं। आबकारी विभाग के 28 अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया था, जिन्हें बाद में जमानत मिल चुकी है।
अब सबकी निगाहें विशेष अदालत के फैसले पर टिकी हैं। यदि ईडी को रिमांड मिलती है, तो एजेंसी को उम्मीद है कि शराब और कोयला घोटाले के बीच की कथित आर्थिक कड़ियों को लेकर और बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं।

