भाजपा..धमतरी और कुरूद में सिटिंग एमएलए को ही बना सकता है प्रत्याशी.. सिहावा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बदलने की चर्चा जोरो पर

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 भाजपा..धमतरी और कुरूद में सिटिंग एमएलए को ही बना सकता है प्रत्याशी.. सिहावा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बदलने की चर्चा जोरो पर 


उत्तम साहू 

धमतरी /छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023... जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है दावेदारों की दिल की धड़कनें तेज हो रही है तेज…हर दावेदार की सोच है,काश मुझे टिकट मिल जाए हर दावेदार आम जनता व नेताओं के सामने खुद को मजबूत तथा जीतने योग्य उम्मीदवार बता रहा है, तो दूसरे दावेदारों की खामियां गिनाने में जुटा है। फिलहाल, हर कोई चाह रहा है कि टिकट किसी भी हाल में उसे मिले। कांग्रेसियों को लगा रहा है कि कांग्रेस के पक्ष में माहौल है। इस माहौल के भरोसे वे जीत जाएंगे। यही हाल बीजेपी के दावेदारों का भी है।

बता दें कि, चुनाव को अभी तीन महीना शेष है। सूत्रों की मानें तो 10 अक्टूबर तक आचार संहिता लगने की बात सामने आ रही है। अब तक ये होता था कि नामांकन के एक दो दिन पहले टिकट तय होता था। लेकिन इस बार भाजपा ने 21 सीटों पर प्रत्याशीयों की घोषणा करके खेला कर दिया है। धमतरी जिले के तीन विधानसभा सीटों में धमतरी और कुरूद दोनों सीट पर भाजपा के विधायक हैं और‌ सिहावा सीट पर कांग्रेस की विधायक है, भाजपा के द्वारा जारी 21 प्रत्याशियों की सूची में जिले के सिहावा विधानसभा की सीट भी शामिल है इस सीट से पूर्व विधायक श्रवन मरकाम को प्रत्याशी बनाया गया है इसके साथ ही बसपा ने अपने 9 उम्मीदवार के नाम घोषित कर दिया है, इस बीच आम आदमी पार्टी ने भी 10 लोगों का नाम जारी कर दिया है, लेकिन कांग्रेस ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है जिसका बेसब्री से इंतजार दावेदार कर रहे हैं 

खबरों की मानें तो भाजपा में दूसरी सूची की तैयारी चल रही है। भाजपा के इस कदम से कांग्रेस भी हड़बड़ा गई है। वह भी सूची जारी करने की तैयारी में है। जानकारी के अनुसार, कांग्रेस ने तो ब्लाक व जिला अध्यक्षों से नामों का पैनल भी मंगवा लिया है। भाजपा सर्वे के आधार पर टिकट दे रही है। अब जैसे-जैसे टिकट की घोषणा का समय नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे दावेदारों के धड़कन भी तेज होती जा रही है। दावेदार पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। हर हाल में टिकट चाहते हैं, इसलिए वे खुद को मजबूत और प्रतिद्वंद्वी दावेदार को कमजोर बता रहे हैं।

गौरतलब है कि, कांग्रेस व भाजपा दोनों ने सर्वे कराया है। सर्वे में दोनों की स्थिति ठीक ठाक आ रही है। कांग्रेस को लग रहा है कि सरकार फिर बन सकती है। भारतीय जनता पार्टी को लग रहा है कि इस बार भाजपा सत्ता में आ सकती है, इसलिए दोनों दल के दावेदार टिकट के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि माहौल में वे जीत जाएंगे, जीत गए और सरकार बन गई तो फिर मंत्री भी बन जाएंगे। इस तरह के ख्वाब विधानसभा की जनता को भी दिखाया जा रहा है। हर कोई कह रहा है कि उसका टिकट तय है। दिल्ली से तैयारी करने का निर्देश मिल चुका है

जानकारी के मुताबिक, भाजपा-कांग्रेस के कई दावेदारों ने तो दिल्ली में डेरा डाल रखा है। वहां जुगाड़ खोजा जा रहा है। ऐसे आका की तलाश है, जिसके एक फोन पर टिकट फाइनल हो सके। हालांकि भाजपाई यह बात जानते हैं कि उनका आका हर सप्ताह रायपुर आ रहा है। उसके सामने चलनी किसी नेता की नहीं है, फिर भी जोर लगाए पड़े हैं। कांग्रेस के कुछ लोग भी अपने समर्थकों के साथ दिल्ली पहुंच रहे हैं। किसी तरह से राहुल गांधी या प्रियंका गांधी से मुलाकात हो जाए। कुल मिलाकर टिकट को लेकर भीतर ही भीतर जबरदस्त घमासान मचा हुआ है।


 

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