देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने में डा.अंबेडकर का बहुत बड़ा योगदान: प्रो.योगेश सिंह कुलपति दिल्ली विश्वविद्यालय

 देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने में डा.अंबेडकर का बहुत बड़ा योगदान: प्रो.योगेश सिंह कुलपति दिल्ली विश्वविद्यालय

 


अतुल सचदेवा - नई दिल्ली, 26 जनवरी ,75 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय DU में कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने तिरंगा फहराया। इस अवसर पर अपने संबोधन में कुलपति ने कहा कि आज का दिन उन लोगों को याद करने का दिन है जिन्होंने भारत को स्वतंत्र करवाने में अपनी भूमिका निभाई, जिन्होंने संविधान को बनाने में अपनी भूमिका निभाई, जिन्होंने संविधान सभा का सदस्य न होते हुए भी अपने-अपने विचारों से संविधान को प्रभावित किया और जिनके प्रयासों से भारत मजबूत हुआ तथा आज अपना 75 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। भारतीय संविधान में राम का उल्लेख करते हुए कुलपति ने कहा कि संविधान लिखने वाले जानते थे कि भगवान राम तो भारत की आत्मा हैं। उन्होंने संविधान निर्माण में डॉ. अंबेडकर की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश की एकता और अखंडता को मजबूत करने में डॉ. बीआर अंबेडकर का बहुत बड़ा योगदान है। 

कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि आज अगर भारत के केंद्रीय व्यवस्था इतनी मजबूत है तो उसके पीछे डॉ. अंबेडकर का प्रत्यक्ष चुनाव संबंधी निर्णय है। डॉ. अंबेडकर ने लोकसभा और विधानसभाओं के लिए सदस्यों के चुनाव में प्रतिनिधि व्यवस्था के स्थान पर जनता द्वारा सीधे चुनाव की व्यवस्था संविधान में की। कुलपति ने प्रत्यक्ष चुनाव को लोकतन्त्र का सबसे बड़ा हथियार बताते हुए कहा कि हमें अपने वोट देने के संवैधानिक अधिकार का सम्मान करते हुए इसका इस्तेमाल जरूर करना चाहिये। उन्होंने उपस्थितजनों से आह्वान करते हुए कहा कि अगर आप देश से सबकुछ चाहते हैं तो इसकी व्यवस्थाओं में भागीदारी जरूर करें। सभी लोग आज शपथ लें कि अपना वोट जरूर डालेंगे और अपने परिवार के सभी लोगों तथा दोस्तों से भी वोट डलवाएंगे। 

प्रो. योगेश सिंह ने राम मंदिर निर्माण में संविधान की शक्ति का वर्णन करते हुए कहा कि भारतीय संविधान ने ही देश में राम मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त किया है। संविधान की प्रक्रिया के अनुरूप 565 वर्ष बाद राम मंदिर का निर्माण हुआ तो ये संविधान की ताकत है। कुलपति ने भारतीय संविधान में राम को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि संविधान के पार्ट-3 में मौलिक अधिकारों के पहले पन्ने पर भगवान राम, लक्ष्मण और सीता का चित्र बनाया हुआ है। उन्होंने कहा कि अधिकारों में एक मर्यादा जुड़ी हुई है और राम मर्यादा के प्रतीक हैं। संविधान लिखने वाले जानते थे कि भगवान राम तो भारत की आत्मा हैं।   

प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हम सभी के भरोसे 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। इसका सबसे प्रभावी उपकरण शिक्षा है और शिक्षा को प्रभावी बनाने वाले हैं शिक्षक। इसलिए शिक्षकों को पहले खुद अच्छे बनना होगा और उदाहरण प्रस्तुत करने होंगे, तभी विद्यार्थी और समाज उनका अनुसरण करेगा। कुलपति ने विकसित भारत के लिए भारत सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल की चर्चा करते हुए सभी प्रिंसिपलों, शिक्षकों और विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वह सब इस पोर्टल पर जरूर रजिस्टर्ड करें और विकसित भारत के लिए अधिक से अधिक आइडिया प्रस्तुत करें। जो भी आइडिया उचित लगेगा सरकार उस पर जरूर काम करेगी। कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने सभी को 75 वें गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ भी प्रेषित की। इस अवसर पर डीन ऑफ कॉलेजेज़ प्रो. बलराम पाणी, दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह और रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता सहित अनेकों प्रिंसिपल, डीन, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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