राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस 10 फरवरी को प्रचार रथ को हरी झण्डी दिखाकर किया गया रवाना
जिले के 1 से 19 साल तक के लक्षित 3 लाख 12 हजार 356 बच्चां को खिलाई जायेगी एल्बेंडाजोल की दवाई
उत्तम साहू
धमतरी 08 फरवरी 2024/ राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस 10 फरवरी 2024 एवं मॉप-अप राउंड 15 फरवरी 2024 को किया जाना है। इसके मद्देनजर कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी के निर्देशानुसार मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.के.मण्डल एवं जिला कार्यकम प्रबंधक डॉ. प्रिया कंवर के द्वारा आज प्रचार-प्रसार रथ को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया गया। इसके जरिये शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लाउड स्पीकर के माध्यम से प्रचार किया जायेगा। मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यकम का उद्देश्य सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं शासकीय विद्यालयों, अनुदान प्राप्त शालाओं, केन्द्रीय विद्यालयो, नवोदय विद्यालयों, मदरसों, निजी स्कुलों, महाविद्यालयों, तकनीकी शिक्षा संस्थानों में 1 साल से 19 साल तक की आयु वर्ग के सभी बच्चों का स्वास्थ्य एव पोषण का स्तर, एनीमिया की रोकथाम बौद्धिक विकास तथा शाला में उपस्थिति में सुधार हो सके। जिले के ग्राम एवं शहरी क्षेत्रों के बच्चों को कृमिनाशक की दवाई मितानीन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य अमला आंगन बाडी कार्यकर्ता के सहयोग से खिलाया जायेगा। जिले में 1 से 19 साल तक के लक्षित बच्चों की सख्या लगभग 3 लाख 12 हजार 356 है। एलबेन्डाजॉल 400 मि.ग्रा. की दवाई 1 साल से 2 साल तक बच्चों को आधी गोली चम्मच में घोल कर एवं 2 से 3 साल तक के बच्चों को 1 पूरी गोली घोलकर अथवा चबाकर तथा 19 साल तक की आयु वर्ग के बच्चों को 1 गोली पूरी चबा-चबाकर खाने को दिया जायेगा। यह दवाई कड़वी नही होती है, इस दवाई को सेवा प्रदाता अपने सामने में खिलायेगें।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. जे.पी. दीवान के द्वारा बच्चों में कृमि संक्रमण से शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया कि कृमि बच्चों में कुपोषण के मुख्य कारक है। शरीर में खून की कमी होने से कमजोरी व थकान महसूस होती है तथा शरीर का विकास नही होता और मानसिक विकास में भी अवरोध पैदा करता है। कृमि से होने वाले लक्षण में दस्त, पेट दर्द, भूख न लगना, कमजोरी व उल्टी लगना है। कृमि संक्रमण से बचाव हेतु एलबेन्डा जॉल की 1 गोली की खुराक दी जाती है।