कलेक्टर जनदर्शन में नहीं हो रहा है जनता के समस्या और शिकायत का समाधान.

 कलेक्टर जनदर्शन में नहीं हो रहा है जनता के समस्या और शिकायत का समाधान.

जिले में अधिकारी राज हावी..शासन के निर्देशों की खुलेआम अवहेलना 

नगरी के एक दिव्यांग व्यक्ति और 75 वर्ष की बूढ़ी महिला न्याय के लिए दर दर भटकनें को मजबूर 



उत्तम साहू, दबंग छत्तीसगढ़िया न्यूज 

नगरी- जनता की समस्याओं को सुनने और उसका निराकरण करने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री जनदर्शन लगाकर प्रदेश के जनता की समस्याओं को सुन रहे हैं और इसका तत्वरित निराकरण किया जा रहा है, जो राज्य की लोकतांत्रिक सफलता का घोत्तक है पारदर्शी प्रशासन तथा विकासन्नोमुखी सरकार देने की नीति से छत्तीसगढ़ सरकार सुशासन और विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है, और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है, जिसके कारण भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी कर्मचारी पर तत्काल कार्यवाही हो रही हैं, इसके विपरित धमतरी जिले में ना तो लोगों की समस्या का समाधान हो रहा है, ना तो भ्रष्टाचार की शिकायत पर कोई कार्यवाही हो रही है, सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति को मजाक बना दिया गया है,

बता दें कि धमतरी के कलेक्टर जनदर्शन में आवेदन देने के बाद भी समस्या और शिकायत का समाधान नहीं हो रहा है, भ्रष्टाचार करने का पुख्ता प्रमाण होने के बाद भी कार्यवाही नहीं होने से लोगों में निराशा व्याप्त है, और भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारी के हौसले बुलंद हैं,ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार के मंशानुरूप आमजन के बीच कैसे सुशासन स्थापित होगा..? कलेक्टर जनदर्शन में अधिकारी आवेदन लेकर अपना कर्तव्य पूरा कर लेते हैं इसके बाद आवेदन का निराकरण हुआ है कि नहीं इसे देखने वाला कोई नहीं है कलेक्टर जनदर्शन लगाकर सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है, और आम जनता को न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है,  

(1)  एक दिव्यांग व्यक्ति को न्याय के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है, जिला प्रशासन से लेकर संबंधित वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी से समस्या का समाधान के लिए चक्कर लगा कर थक चुका है, इसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा नगरी विकास खंड के ग्राम फरसियां में जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर आयोजित किया गया था यहां पर उक्त दिव्यांग ने आवेदन दिया था लेकिन आजतक उसके आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं हुआ है,

(2)  नगर पंचायत नगरी में तत्कालीन जनप्रतिनिधियों ने मिलकर नियम विरुद्ध कार्य कर नगर पंचायत की शासकीय जमीन को कुछ व्यक्तियों को बेच कर अवैध निर्माण कराया गया, जिसकी शिकायत उच्च स्तर पर किया गया था,जब शिकायत की जांच हुई तो इसमें जन प्रतिनिधियों को दोषी पाया गया था और नगरीय प्रशासन विभाग के द्वारा इस प्रकरण में दोषी पाए गए लोगों पर कार्यवाही करने के लिए लिखा गया था, लेकिन आज तक इन जनप्रतिनिधियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है जिसकी शिकायत जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर फरसियां में किया गया है, इसके बाद भी आज तक ना तो अवैध निर्माण को तोड़ा गया है ना तो किसी दोषी जनप्रतिनिधि पर कार्यवाही हुआ है।

(3)  नगरी के 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला मंजू बाई साहू के मकान को उसकी बहू ने फर्जी रूप से अपने पति का नाम करारोपन पंजी में दर्ज करवा दी है,इसकी जानकारी जब बेटे को हुई तो उन्होंने अपनी मां के नाम पुनः करारोपन पंजी में दर्ज करवाने आवेदन किया लेकिन नगर पंचायत के राजस्व अधिकारी ने नाम दर्ज करवाने के लिए 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई नहीं देने पर आज तक करारोपण पंजी में नाम दर्ज नहीं किया गया है, जिसके कारण मंजू बाई अपने घर के होते हुए किराए के घर में रहने को मजबूर हैं। जिसकी शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में किया गया था लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है, 

(4)  शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सांकरा (नगरी) के प्राचार्य ने स्कूल मेंटनेंस और बच्चों के लिए मिले राशि से लाखों का भ्रष्टाचार कर शिक्षा जैसे पवित्र स्थान को शर्मशार कर दिया है, इसकी शिकायत कलेक्टर जनदर्शन में करने के पश्चात शिक्षा विभाग के द्वारा जांच कमेटी गठित कर जांच कराई गई है, जांच टीम ने जांच के दौरान पाया है कि प्राचार्य ने भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं करते हुए शासकीय मद की अधिकांश राशि केवल स्टेशनरी व कंप्यूटर रिपेयरिंग में खर्च किया गया है, इस संबंध में प्राचार्य अनिभा अग्रवाल को वरिष्ठ कार्यालय से दिनांक 10.6.2024 को कारण बताओ सूचना पर पत्र प्रेषित करने के बाद आगे की कार्रवाई रोक दिया गया है, ज्ञात हो कि प्राचार्य अनिभा अग्रवाल ने सिर्फ दो वर्ष 21.22.और 22.23.में 10 लाख रुपए से अधिक की राशि गबन किया है,कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत करने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है, 

इसी तरह क्षेत्र के कई लोगों ने कलेक्टर जनदर्शन में समस्या और शिकायत को लेकर आवेदन दिया है लेकिन इसका समाधान अभी तक नहीं हो पाया है इसके कारण लोगों का भरोसा कलेक्टर जनदर्शन से उठ गया है,इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कलेक्टर जनदर्शन लगाकर वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है, जनता की समस्या और शिकायत का समाधान के लिए अधिकारियों को फुर्सत नहीं है,

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