नए स्वरूप में दिखेगा राजिम मेला 20 सालों बाद बदला मेला स्थल..

 नए स्वरूप में दिखेगा राजिम मेला 20 सालों बाद बदला मेला स्थल..

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए 54 एकड़ में भव्य मंच बनकर तैयार

भक्तों और संतों का महासंगम..राजिम में उमड़ेगा आस्था का सैलाब


उत्तम साहू 

मगरलोड/ छत्तीसगढ़ के प्रयाग के नाम से मशहूर पवित्र तीर्थ त्रिवेणी संगम राजिम में 12 फरवरी से माघ पूर्णिमा के अवसर पर राजिम कुंभ कल्प 2025 का शुभारंभ होने जा रहा है। 20 वर्षों बाद पहली बार इस महाकुंभ के स्थान और स्वरूप में बड़ा बदलाव किया गया है। मेला अब संगम स्थल में नहीं, बल्कि वहां से 750 मीटर दूर लक्ष्मण झूला और चौबे बांधा के बीच लगेगा, जहां 54 एकड़ भूमि पर भव्य मंच तैयार किया गया है।

इस वर्ष मेले की थीम “पंचकोशी धाम” पर आधारित होगी, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिकता और संस्कृति का भव्य अनुभव प्रदान करेगी। इस आयोजन के तहत धार्मिक अनुष्ठान, प्रवचन, संत समागम और आध्यात्मिक संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। राजिम कुंभ कल्प मेले में देशभर से साधु-संतों, कथा वाचकों और श्रद्धालुओं का आगमन होगा। धार्मिक कार्यक्रमों के साथ-साथ स्थानीय संस्कृति, लोककला और आध्यात्मिक संगोष्ठियों का आयोजन इस बार के कुंभ कल्प मेले को विशेष बनाएगा। मेला प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था, यातायात नियंत्रण और सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पेयजल, शौचालय, पार्किंग, रुकने और खाने-पीने की विशेष व्यवस्था की गई है।

राजिम कुंभ कल्प को इस वर्ष नए भव्य स्वरूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। यह आयोजन छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को वैश्विक पहचान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। राजिम कुंभ कल्प के इस महापर्व में देशभर से लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। 12 फरवरी से शुरू होने वाला यह मेला आस्था,आध्यात्म और संस्कृति का संगम साबित होगा।



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