जमीन अधिग्रहण किए बगैर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने किया निर्माण कार्य..शासन निधि को करोड़ों का नुकसान

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 जमीन अधिग्रहण किए बगैर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने किया निर्माण कार्य..शासन निधि को करोड़ों का नुकसान 

आरटीआई के तहत जानकारी देने से बच रहे अधिकारी

मामला नगरी माईनर के नाम पर बीरमपुर टेल तक नाली निर्माण का 



उत्तम साहू 

नगरी/ धमतरी जिले में सरकारी सुशासन के तमाम दावों के बावजूद अब भी कई मामलों में प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली आशा के विपरीत नजर आती है। यही नहीं जब मामला भ्रष्टाचार और अनियमितता से जुड़ा हो तो ऐसे केस की गोपनीयता बनाए रखने के लिए जिम्मेदार अधिकारी की मनमानी और बढ़ जाती है। यहां तक कि आर टी आई एक्ट जैसे कानून का खुलेआम उल्लंघन करने से भी कोई गुरेज नहीं करते हैं। ऐसा ही एक मामला नगरी में सिंचाई विभाग के द्वारा बनाए गए नहर नाली निर्माण का है। जब आरटीआई के तहत सिंचाई विभाग से निर्माण में खर्च की गई शासकीय राशि की जानकारी मांगी गई तो अधिकारी के द्वारा जानकारी नहीं दी जा रही है,




बता दें कि सिंचाई विभाग के द्वारा नगरी स्थित मुख्य नहर से बिरमपुर टेल तक नगरी माईनर के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर नहर नाली का निर्माण कराया गया है, और आज भी अधिकारी मेंटेनेंस के नाम पर लीपापोती कर भ्रष्टाचार करने में संलिप्त हैं, ज्ञात हो कि यह नाली निर्माण के पूर्व भूस्वामी किसानों को करोड़ों रुपया का मुआवजा वितरण किया गया था। लेकिन जमीन का अधिग्रहण आज तक नहीं किया गया और सिंचाई विभाग के अधिकारीयों ने नियमों की विपरीत कार्य करके नाली निर्माण में शासन निधि से करोड़ों रुपए खर्च कर दिया है, 




वर्तमान में भुमि को विभिन्न कृषकों के द्वारा दूसरे कृषकों को बेच दी गई है, विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा बिना जमीन अधिग्रहण के नियम विरुद्ध अवैधानिक तरीके से नाली निर्माण एवं कांक्रीटीकरण किया गया है जिससे संबंधित अधिकारियों के द्वारा शासन निधि से करोड़ों का नुकसान किया गया है। नाली निर्माण में खर्च हुए राशि की जानकारी आरटीआई के तहत मांगी गई तो सिंचाई विभाग के द्वारा जानकारी नहीं दी गई, रिमाइंडर के बाद भी अधिकारी किसी तरह की कार्यवाही करने से बचते नजर आ रहे हैं। हालांकि, यह दस्तावेजों तक आसान पहुंच को बाधित करने का प्रयास है। अधिनियम के प्रावधान के अनुसार यह जानबूझकर सूचना से वंचित किए जाने का कृत्य है। ऐसा नहीं है कि आर टी आई से जुड़े सभी प्रकरणों की डील इसी तरह की जाती है। अधिकांश मामलों में वांछित दस्तावेज उपलब्ध कराए जाते है। लेकिन शायद यह मामला विषेश होने के कारण अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। यह मामला नगरी माईनर के नाम से बीरपुर टेल तक नहर में कांक्रीटीकरण कार्य से जुड़ा हुआ है।

 जाहिर सी बात है कि इस मामले में अधिकारियों के कलम पहले ही चल चुके हैं और अब आरटीआई के तहत जानकारी देने में शायद उनके हाथ कांप रहे हैं।






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