योग दिवस...ब्रह्मकुमारी ईश्वरी विश्वविद्यालय सेवाकेंद्र नगरी में कार्यक्रम आयोजित
योग से सकारात्मक,आनंदमय और संतुलित जीवन की ओर हम अग्रसर हो सकते हैं.. भावन बहन
उत्तम साहू
नगरी/ ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र नगरी में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रातः 6:00 बजे से योगाभ्यास प्रारंभ किया गया। उक्त अवसर पर राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी भावना बहन तथा योग प्रशिक्षक श्री राजेश तिवारी पार्षद राजा पवार श्रीमती चेलेश्वरी साहू तथा संस्था के भाई-बहन व नगर के गणमान्य नागरिक शामिल हुए। सभी गणमान्य अतिथियों का सम्मान शिवांगी बहन के द्वारा पुष्पगुच्छ व तिलक लगाकर किया गया। तत्पश्चात योगाभ्यास की शुरुआत परम पिता परमात्मा का स्मरण करके किया गया।
तिवारी जी के द्वारा सभी लोगों को योग प्राणायाम तथा विभिन्न प्रकार के आसान व व्यायाम का अभ्यास कराया तदुपरान्त राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी भावना बहन ने इस वर्ष की थीम एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य को लेकर अपना अभिमत प्रस्तुत करते हुए कहा मनुष्य के लिए स्वास्थ्य उसकी अमूल्य निधि है उसके संभाल करने में उसे कोई भी कसर नहीं छोड़नी चाहिए मनुष्य अपने कृत्यों से पृथ्वी को दूषित कर रहा है जिसका सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ रहा है ।
आज के परिवेश में हवा से लेकर खाने-पीने की वस्तुएं दूषित हो गई है जिससे मनुष्य को गंभीर बीमारियां जकड़ती जा रही है ऐसे समय में योग एक मात्र विकल्प है जिसे हम अपनी जीवन शैली में अपना कर अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं जब तक स्वस्थ शरीर नहीं रहेगा तब तक हमारा मन कैसे स्वस्थ हो सकता है क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है अतः शारीरिक योग व आसन के साथ-साथ हमें मानसिक रूप से भी सशक्त होना होगा वह केवल मेडिटेशन से ही संभव है क्योंकि नकारात्मक विचारों से छुटकारा पाना अति आवश्यक है परमात्मा को याद करने से ही हमारे अंदर सुख, शांति, प्रेम, आनंद, खुशी, सहयोग, एकाग्रता जैसे गुणों की प्राप्ति होती है हम चलते फिरते हर काम करते हुए परमात्मा से जुड़े रहेंगे तो हमें बहुत शक्तियों की प्राप्ति होती रहेगी और हम अपने जीवन में सदैव खुश रहेंगे, स्वस्थ रहेंगे और मस्त रहेंगे।
इसी तारतम्य में श्रीमती चेलेश्वरी साहू जी ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की बधाई दी और कहा सुबह शाम नित्य योग करेंगे तो रोग कभी निकट नहीं आएगी योग को अपने जीवन शैली में अपनाना बेहद जरूरी है। योग प्रशिक्षक श्री राजेश तिवारी जी ने कहा योग का अर्थ विस्तृत है योग अष्टांग होती है नियम, आसन, प्राणायाम, धारणा, ध्यान, मोक्ष और समाधि योग का मतलब केवल शरीर को स्वस्थ रखना ही नहीं बल्कि सच बोलना भी एक योग है किसी को कष्ट न देना, सात्विक भोजन करना, घर के कामों में हाथ बटाना भी योग है । योग से ऊर्जा मिलती है योग्य के तीन फायदे बताएं शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक। योग से शरीर के साथ मन भी शांत होता है । अंत में राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी भावना बहन ने सभी को कमेंट्री के साथ सहज राजयोग का अभ्यास कराया तथा परमात्मा को याद करने की विधि बताई, निशा साहू ने कार्यक्रम का संचालन किया।