कर्मचारी फेडरेशन आंदोलन के पहले ही दिन दिखा व्यापक असर,सरकारी दफ्तरों में रहा काम-काज ठप्प
पत्रकार उत्तम साहू 22.82025
धमतरी / अधिकारी कर्मचारी फैडरेशन के द्वारा एक दिवसीय हड़ताल में जिले भर से आए अधिकारी कर्मचारीयों ने गांधी मैदान में धरना देकर सरकार के खिलाफ नारे बाजी किया, हड़ताल से दफ्तरो में पसरा सन्नाटा स्वास्थ्य राजस्व सहित अन्य कार्यालयों में काम काज हुआ ठप्प,
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले शुक्रवार से शुरू हुए कलमबंद-कार्यालय बंद आंदोलन का पहले ही दिन प्रदेशभर में व्यापक असर देखने को मिला। जिले के सरकारी कार्यालयों तक कामकाज पूरी तरह ठप रहा। और कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा।
फेडरेशन ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर यह बेमुद्दत आंदोलन शुरू किया है। इनमें केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता (DA), DA एरियर्स का भुगतान, चार स्तरीय समयमान वेतनमान, पंचायत सचिवों का शासकीयकरण, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण तथा सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने जैसी मांगें शामिल हैं।
फेडरेशन ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही मांगों पर संज्ञान नहीं लिया तो 30 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की जाएगी।
धरना स्थलों पर बड़ी संख्या में कर्मचारी जुटकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। सभी शासकीय कार्यालयों सहित स्कूलों में तालाबंदी जैसी स्थिति बन गई है।
गौरतलब है कि कांग्रेस शासनकाल में भी इसी तरह की बेमुद्दत हड़ताल 17 दिनों तक चली थी, जिसने पूरे प्रशासनिक कामकाज को ठप कर दिया था।
फेडरेशन की प्रमुख मांगें
केंद्र सरकार के समान कर्मचारियों एवं पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाए।
DA एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में समायोजित की जाए।
सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।
लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए।
पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।
सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए।
नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दी जाए।
अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण किया जाए। प्रदेश में कैशलेश सुविधा लागू की जाए।
अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस तक किया जाए।
दैनिक, अनियमित एवं संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बनाई जाए। सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की जाए।