जन अदालत लगाकर युवक की हत्या

0

 जन अदालत लगाकर युवक की हत्या

 नक्सली स्मारक के ऊपर तिरंगा फहराने पर नक्सलियों ने दिया वारदात को अंजाम




कांकेर/ नक्सली हिंसा का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. दो दिन पहले नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर आदिवासी युवक की हत्या की थी. इस घटना की असली वजह अब उजागर हुई है. जानकारी के अनुसार, युवक मनेश नरेटी ने (स्वतंत्रता दिवस) 15 अगस्त को नक्सलियों के स्मारक में तिरंगा फहराया था और भारत माता के जयकारे लगाए थे. इससे बौखलाकर नक्सलियों ने मनेश की हत्या की थी. पूरा मामला कांकेर जिले के बिनागुंडा गांव का है. इस घटना से क्षेत्र में दहशत और आक्रोश का माहौल है।

छोटेबेठिया थाना क्षेत्र के बिनागुंडा गांव में सोमवार की रात हथियारबंद नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर आदिवासी युवक मनेश नुरुटी को मौत की सजा सुनाई और बेरहमी से उसकी हत्या की थी. साथ ही माओवादियों ने कई ग्रामीण नेताओं और पुलिस अधिकारियों को भी खुली धमकी दी थी.


बताया जा रहा है कि बिनागुंडा गांव के मनेश नुरुटी पर नक्सलियों ने पुलिस के लिए मुखबिरी करने का आरोप लगाया. उसे सोमवार की रात उसके घर से उठाकर गांव के बीच ले गए, जहां ग्रामीणों को मीटिंग के नाम पर पहले से ही इकट्ठा किया गया था. इस कथित जन अदालत में माओवादियों ने दो आदिवासी युवकों की पिटाई की. उन पर पुलिस को जानकारी देने और माओवादी गतिविधियों के बारे में सूचना देने का आरोप लगाया. इसके बाद माओवादियों ने मनेश नुरुटी को मौत के घाट उतार दिया. नक्सलियों ने परतापुर थाना इलाके में बैनर लगाकर इस घटना की जानकारी दी थी.


माओवादियों की परतापुर एरिया कमेटी ने ली है हत्या की जिम्मेदारी


माओवादियों की परतापुर एरिया कमेटी ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी लेते हुए पखांजूर थाना के प्रभारी लक्षण केंवट और अन्य पुलिस अधिकारियों पर आदिवासियों को गोपनीय सैनिक के रूप में काम कराने का आरोप लगाया था. साथ ही नक्सलियों ने कोंगे पंचायत के सरपंच रामजी धुर्वा, डीआरजी के जोयो, बुद्धु, आयतू, टुब्बा कोरेटी, धनी और अर्जून ताती को चेतावनी देते हुए उन्हें भी मौत की सजा देने की धमकी दी थी.




Post a Comment

0Comments

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !