छत्तीसगढ़ में गेस्ट लेक्चरर नियुक्ति पर विवाद, राज्य डोमिसाइल को नज़रअंदाज़ करने पर उठे सवाल

 छत्तीसगढ़ में गेस्ट लेक्चरर नियुक्ति पर विवाद, राज्य डोमिसाइल को नज़रअंदाज़ करने पर उठे सवाल



उत्तम साहू 

रायपुर/ शैक्षणिक सत्र 2025-26 में छत्तीसगढ़ के कॉलेजों में गेस्ट लेक्चरर नियुक्ति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मुख्य चिंता यह है कि राज्य सरकार के आदेश में धारा 5.4 के अनुसार “छत्तीसगढ़ राज्य के डोमिसाइल को प्राथमिकता” दिए जाने का स्पष्ट प्रावधान है, लेकिन इसकी गलत व्याख्या कर बाहर के राज्यों के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जा रही है।


पिछले वर्ष (2024-25) के आंकड़ों के आधार पर ही इस बार भी चयन प्रक्रिया को उचित ठहराने का प्रयास किया गया, जबकि वास्तविक समस्या वर्तमान वर्ष (2025-26) की मेरिट सूची में है। इसमें बड़ी संख्या में अन्य राज्यों के उम्मीदवारों ने आवेदन कर सीटें हासिल कर लीं, जिसके कारण छत्तीसगढ़ के योग्य अभ्यर्थी-जिनके पास पीएचडी, नेट और सेट जैसी उच्च योग्यताएं हैं वो बेरोजगार रह गए।


हालांकि इस मामले की जांच के लिए नई समिति का गठन किया गया है, परंतु समिति अब तक केवल पुराने आंकड़ों (2024-25) पर विचार कर रही है और वर्तमान सत्र की वास्तविक स्थिति की उपेक्षा कर रही है। स्थानीय अभ्यर्थियों का कहना है कि यह नीति न्यायसंगत नहीं है और इससे छत्तीसगढ़ के प्रतिभाशाली युवाओं के अधिकारों का हनन हो रहा है।


विशेषज्ञों और अभ्यर्थियों की मांग है कि गेस्ट लेक्चरर नियुक्ति में छत्तीसगढ़ राज्य का डोमिसाइल अनिवार्य किया जाए ताकि राज्य के युवा, जिन्हें लंबे समय से रोजगार का इंतजार है, उनका हक सुरक्षित रह सके।

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