हाथी के हमले से मौत के बाद मुआवजा पाने ‘छह पत्नियों’ का दावा..वन विभाग हैरान

  


हाथी के हमले से मौत के बाद मुआवजा पाने ‘छह पत्नियों’ का दावा..वन विभाग हैरान 




जशपुर/ जिले में हाथी के हमले से हुई एक व्यक्ति की मौत ने पूरे इलाके में अफरा-तफरी और हैरानी का माहौल पैदा कर दिया है। घटना के बाद मृतक के परिजनों को सरकार की ओर से मिलने वाले मुआवजे पर विवाद खड़ा हो गया है। विवाद भी ऐसा कि प्रशासन और ग्रामीण दोनों सकते में पड़ गए। दरअसल, जैसे ही मुआवजे की प्रक्रिया शुरू हुई, मृतक के सामने अचानक छह महिलाएं अपने-अपने बच्चों के साथ पहुंच गईं और सभी ने खुद को मृतक की “असली पत्नी” बताकर मुआवजे पर दावा ठोक दिया। इस विचित्र घटनाक्रम की चर्चा अब पूरे क्षेत्र में हो रही है। 


मामला पत्थलगांव वन परिक्षेत्र अंतर्गत बालाझर चिमटापानी गांव का है। यहां रहने वाले सालिक राम टोप्पो की बीते दिनों जंगली हाथी के हमले में मौत हो गई थी। छत्तीसगढ़ सरकार की नीति के अनुसार, हाथी के हमले से जनहानि होने पर पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और मुआवजा दिया जाता है। इस प्रक्रिया के तहत सालिक राम के परिजन मुआवजे की मांग करने वन विभाग कार्यालय पहुंचे। लेकिन इसी बीच ऐसा नजारा सामने आया जिसने सभी को चौंका दिया।


 सालिक राम टोप्पो की मौत की जानकारी मिलते ही छह महिलाएं अलग-अलग बच्चों को लेकर सामने आईं। इन सभी ने दावा किया कि वे सालिक की असली पत्नी हैं और उनके बच्चे मृतक के वारिस हैं। इस तरह सभी महिलाओं ने शासन से मिलने वाली जनहानि मुआवजा राशि अपने-अपने नाम पर देने की मांग शुरू कर दी। गांव में चर्चा है कि सालिक राम ने अपने जीवनकाल में अलग-अलग समय पर इन छह महिलाओं से शादी की थी और प्रत्येक के साथ करीब 2-3 साल का वैवाहिक जीवन बिताया। इसी दौरान हर पत्नी से बच्चे भी जन्मे।

मृतक अपनी अंतिम समय में वह चिमटापानी गांव में अपनी एक पत्नी और बेटे भागवत टोप्पो के साथ रह रहा था। बच्चे,सरपंच के पास पहुंच कर पंचनामा बनवाया इस आधार पर मुआवजे की प्रक्रिया को लेकर विवाद बढ़ा तो मृतक के अलग-अलग पत्नियों के बच्चे भी सक्रिय हो गए। सभी बच्चों ने गांव के सरपंच से अपने नाम का पंचनामा कागजात बनवाकर मुआवजे में हिस्सेदारी का दावा ठोक दिया। इससे प्रशासनिक स्तर पर स्थिति और उलझ गई है, क्योंकि हर पक्ष अपने-अपने दस्तावेजों और रिश्तों को आधार बनाकर दावा कर रहा है। प्रशासन के सामने चुनौती: असली हकदार कौन? 


वन परिक्षेत्राधिकारी कृपा सिंधु पैंकरा ने बताया कि हाथी के हमले में मृतक परिवार को मुआवजा देने की प्रक्रिया जारी है। लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मुआवजे का असली हकदार कौन होगा। उन्होंने कहा कि मृतक की कथित पत्नियों के साथ-साथ बच्चे और दामाद भी कार्यालय पहुंचकर दावा कर रहे हैं। पैंकरा ने स्पष्ट किया कि इस पूरे मामले में निर्णय पंचायत सरपंच की सहमति और जांच के बाद ही लिया जाएगा। साथ ही, सभी महिलाओं से मृतक की पत्नी होने का प्रमाण पत्र और दस्तावेज मांगे गए हैं। जो महिला आवश्यक कागजात प्रस्तुत कर सकेगी, उसी के पक्ष में मुआवजा राशि का प्रकरण तैयार किया जाएगा। गांव में चर्चा और हास्य का माहौल इस घटना ने पूरे गांव और इलाके में एक साथ हास्य और हैरानी का माहौल बना दिया है। 

ग्रामीणों का कहना है कि सालिक राम ने हमेशा से अलग-अलग जगहों पर विवाह संबंध बनाए और हर पत्नी के साथ कुछ वर्षों का जीवन बिताया। किसी को यह अंदाजा नहीं था कि उसकी मौत के बाद इस तरह का विवाद खड़ा होगा। गांव में यह भी चर्चा है कि अब मुआवजे की रकम को लेकर पत्नियों और बच्चों में कानूनी लड़ाई भी हो सकती है।


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