शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल पाली में भ्रष्टाचार का काला चेहरा उजागर!
प्राचार्य व अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों का गबन – जिम्मेदार कौन?
पाली/कोरबा से ज्ञान शंकर तिवारी
शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले स्कूलों को अब भ्रष्टाचार ने अपनी जकड़ में ले लिया है। कोरबा जिले के पाली स्थित शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। आरोप है कि प्राचार्य और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से मेडिकल उपचार के नाम पर लाखों रुपये का भ्रष्टाचार किया गया।
जिला महामंत्री जेसीपी कोरबा बादल दुबे ने दस्तावेजों के आधार पर खुलासा करते हुए बताया कि स्कूल के शिक्षक सुभाष चंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी और बेटी के नाम पर फर्जी मेडिकल बिल लगाकर शासन-प्रशासन को चूना लगाया गया।
दस्तावेजों में दर्ज तथाकथित ‘इलाज’ के दौरान जो दवाएं दिखाई गईं, उनमें वियाग्रा, मेन्फोर्स, ईनो, कोलगेट, फेसवॉश, गुडनाइट कूल, पोंड्स क्रीम जैसी रोजमर्रा की वस्तुएं शामिल हैं। इतना ही नहीं, इन बिलों पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरबा और उप कोषालय कटघोरा के हस्ताक्षर और सहमति दर्ज है।
जब इस विषय पर प्राचार्य से सवाल किया गया तो उन्होंने खुद को अलग बताते हुए जिम्मेदारी उच्च कार्यालयों पर डाल दी। इससे साफ जाहिर है कि यह घोटाला एक व्यक्ति का नहीं बल्कि विभागीय मिलीभगत का परिणाम है।
सूत्रों के अनुसार, इस तरह की गड़बड़ियां लंबे समय से शिक्षा विभाग में जारी हैं और कई अधिकारी-कर्मचारी इसमें संलिप्त हैं। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और प्रदेश की सुशासन सरकार इस भ्रष्टाचार पर कैसी कार्यवाही करती है – या फिर हमेशा की तरह मामला दबाकर जिम्मेदार बच निकलते हैं।

