जनपद पंचायत में संविदा कर्मियों का दबदबा, अघोषित सीईओ बन बैठे

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जनपद पंचायत में संविदा कर्मियों का दबदबा, अघोषित सीईओ बन बैठे

ग्रामीण प्रतिनिधियों में रोष, महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार की शिकायतों पर कार्रवाई नहीं



उत्तम साहू 

धमतरी। प्रदेश के मुखिया श्री विष्णुदेव साय और जिला कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा जहां सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त शासन की बात कर रहे हैं, वहीं धमतरी जनपद पंचायत में दो संविदा कर्मियों का दबदबा चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि ये दोनों संविदा कर्मी अपने मूल दायित्व से हटकर सीईओ जैसी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और महत्वपूर्ण विभागों के सारे कामकाज इन्हीं के इशारे पर संचालित हो रहे हैं।


जानकारी के अनुसार, इनमें से एक संविदा कर्मी की नियुक्ति ट्रेनर के पद पर हुई है, जबकि दूसरा किसी अन्य विभागीय कार्य हेतु पदस्थ है। लेकिन दोनों ही अपने मूल कार्य को छोड़कर मलाईदार विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। ग्रामीण प्रतिनिधियों का आरोप है कि इनके बिना किसी भी काम की फाइल आगे नहीं बढ़ती। यही नहीं, इनके खिलाफ गंभीर आरोप भी सामने आए हैं।

          महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की शिकायत

एक संविदा कर्मी पर ग्राम अछोटा स्थित रीपा सेंटर में कार्यरत महिलाओं ने अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया था। आरोप यह भी है कि महिलाओं की कुर्सियों में खुजली पाउडर डालकर उन्हें प्रताड़ित किया गया। 12 महिलाओं ने लिखित शिकायत जिला पंचायत सीईओ से की थी, लेकिन एक वर्ष बीतने के बाद भी जांच नहीं हुई। इस लापरवाही पर ग्रामीण प्रतिनिधियों में नाराजगी है।

            ग्रामीण प्रतिनिधि परेशान

जनपद पंचायत के कामकाज के लिए आने वाले ग्रामीण जनप्रतिनिधियों का कहना है कि ये संविदा कर्मी पहले तो उन्हें चक्कर कटवाते हैं और फिर अभद्र व्यवहार करते हैं। कई प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि अधिकारी भी इन्हीं संविदा कर्मियों के निर्देशों के आधार पर निर्णय लेते हैं। इस कारण वे मजबूरी में उनकी बात मानने को विवश हैं।

             भ्रष्टाचार पर उठे सवाल

सूत्रों के मुताबिक, बिना भेंट-पूजा के ये संविदा कर्मी कोई काम नहीं करते। इनमें से एक संविदा कर्मी तो खुद को कलेक्टर का खास बताकर लोगों से रौब झाड़ता है। इससे कलेक्टर के स्वच्छ प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है।

         स्थानांतरण आदेश के बाद भी पदस्थ

गौरतलब है कि शासन द्वारा हाल ही में धमतरी जनपद पंचायत के सीईओ का स्थानांतरण कर दिया गया था और आदेशानुसार उन्हें 10 दिनों में कार्यभार ग्रहण करना था। लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी उनका धमतरी से मोह भंग नहीं हुआ है। इस बीच पूरा कामकाज इन संविदा कर्मियों के भरोसे चल रहा है।

               अधिकारियों की चुप्पी

इस मामले में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोमा श्रीवास्तव, आईएएस से संपर्क किया गया। उनका मोबाइल (7011152403) तो बजा, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया, जिसके चलते उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।




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