"नगरी में विभागीय लापरवाही से भू-माफ़ियाओं का बड़ा खेल" विभागीय मिलीभगत से शासन को करोड़ों का नुक़सान
अधिग्रहित भूमि पर अवैध गतिविधियों की रोकथाम हेतु त्वरित प्रशासनिक हस्तक्षेप की आवश्यकता
उत्तम साहू
नगरी/ विभागीय शिथिलता एवं अभिलेख अद्यतन न होने के कारण अधिग्रहित भूमि पर विगत समय से भू-माफ़ियाओं द्वारा अवैध खरीदी-बिक्री एवं निर्माण कार्य संचालित किए जा रहे हैं। वर्ष 1991-92 में अधिग्रहित की गई भूमि आज भी कृषकों के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज होने के फलस्वरूप शासन को भारी राजस्व हानि उठानी पड़ रही है तथा भोले-भाले नागरिक भविष्य में गंभीर कानूनी संकट में उलझ सकते हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक उक्त अधिग्रहित भूमि पर अवैध कॉलोनियों का निर्माण, दुकानों एवं भवनों का निर्माण कार्य प्रचलन में है। विभागीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों की मिलीभगत से भू-माफ़ियाओं द्वारा करोड़ों रुपये के अवैध सौदे संपन्न किए जा रहे हैं। यदि इस पर तत्काल रोकथाम नहीं की गई तो निकट भविष्य में सामाजिक तनाव, जनविरोध एवं विधिक विवाद गहराने की प्रबल संभावना है।
इन बिंदुओं पर हो शीघ्र कार्रवाई
1. अधिग्रहित भूमि पर हो रहे अवैध कब्ज़ों तथा निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध एवं तत्काल निरस्तीकरण।
2. अधिग्रहित भूमि से संबंधित समस्त नामांतरण कार्यवाही एवं राजस्व रिकॉर्ड का शीघ्र अद्यतन।
3. अवैध खरीदी-बिक्री में संलिप्त भू-माफ़ियाओं एवं सहायक अधिकारियों/कर्मचारियों पर दंडात्मक कार्रवाई।
4. भोले-भाले नागरिकों को भविष्य के कानूनी संकट से बचाने हेतु सार्वजनिक चेतावनी एवं जागरूकता अभियान।
शासन एवं प्रशासन मामले पर त्वरित संज्ञान लेकर आवश्यक विधिक एवं प्रशासनिक कदम शीघ्र सुनिश्चित किए जाएँ, जिससे आम जनता के हितों की रक्षा हो सके, राज्य को हो रही राजस्व हानि रुक सके तथा भविष्य में उत्पन्न होने वाले किसी भी प्रकार के सामाजिक विवाद एवं उपद्रव से बचा जा सके।

