नगरी..ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र में शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित कर शिक्षकों को सम्मानित किया गया
शिक्षक हमारे जीवन के सबसे अहम गुरु होते हैं, जो हमें भविष्य में कुछ बड़ा करने के लिए हमेशा प्रेरित करते हैं
पत्रकार उत्तम साहू दिनांक 6.9.2025
नगरी/ 05 सितंबर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सभी छात्र व शिक्षक के लिए बेहद ही खास होता है। इसी परिप्रेक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवाकेंद्र नगरी के तत्वाधान में शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर शिक्षाविदों के सम्मान में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, कार्यक्रम में संस्था की राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी भावना बहन, ब्रह्माकुमारी कमलेश्वरी बहन एवं मुख्य अतिथि के रूप में ए.एल.बनपेला सेवानिवृत प्राचार्य, श्रीमती दीपा देवांगन प्रोफेसर सुखराम नागे महाविद्यालय नगरी सिहावा एवं नव नियुक्त प्राचार्य के रूप में जे.पी. यादव प्राचार्य हाई स्कूल गुहाननाला, महेश्वर जयसिंधु प्राचार्य हायर सेकेंडरी स्कूल डोंगरडुला, राजेश तिवारी जी प्राचार्य हाई स्कूल भैंसामुड़ा, राजेश तिवारी योगाचार्य व उच्च श्रेणी शिक्षक माध्यमिक शाला भैसामुड़ा सहित अंचल के 60 शिक्षक शिक्षिकाओं ने शिरकत की।
सर्वप्रथम मुख्य अतिथियों सहित सभी शिक्षक शिक्षिकाओं ने डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तस्वीर पर माल्यार्पण कर परमपिता परमात्मा शिव की याद में दीपक जलाया। तथा ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा सभी अतिथियों को आत्मिक स्मृति का तिलक लगाकर व पुष्पगुच्छ से अभिनंदन किया गया। तत्पश्चात कुमारी शांता ने अतिथियों के सम्मान में स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया तथा पितांबर भाई ने गुरुओं के सम्मान में सुंदर गीत गाया। तत्पश्चात राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी भावना बहन ने सभी शिक्षाविदों को शिक्षक दिवस की अशेष शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा यह पल वास्तव में उत्साह व खुशियों का है जिसमें इतने सारे शिक्षाविदों का समागम हुआ है। शिक्षा एक ऐसा दीपक है जिसकी रोशनी में बच्चों को जीवन का नया रास्ता मिलता है परिंदों को बाज बनाने का हुनर शिक्षकों के पास ही होता है आप सभी शिक्षा जगत की वह शख्सियत हो जो हर बच्चे का भविष्य सवार कर उसे आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हो। आपके पास अपार शक्तियों का भंडार है जिसे आप छात्रों के जीवन निर्माण में खर्च करते हो।
बच्चों में अपार संभावनाएं होती है जिसे साकार मूर्त करने की क्षमता सिर्फ गुरु में ही होती है ऐसे ही हम सब का गुरु परमपिता शिव परमात्मा है जो हम सभी को ज्ञान योग की शिक्षा देकर हमारे जीवन को दिव्य बना रहे हैं परमात्मा का कार्य ही है हर मनुष्य के जीवन में सुख, शांति, प्रेम लाना हर घर को स्वर्ग बनाना व हर मानव में देवत्व लाना । इस संस्था का मूल उद्देश्य ही है नर से नारायण और नारी से लक्ष्मी बनाना । परमसद्गुरु परमात्मा को याद करने से ही हमारे अंदर की सभी बुराइयां खत्म होती है तथा हमें आत्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है जिससे हम हर कार्य को सुगमता से कर पाते हैं । परमात्मा वर्तमान में विश्व परिवर्तन का कार्य करा रहे हैं इसमें हम अपने दिव्य कर्मों से धरती को स्वर्ग बना सकते हैं और इस धरा पर फिर से प्रेम, एकता व शांति की स्थापना करने में अपनी महती भूमिका निभा सकते हैं। अंत में राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी भावना बहन ने सभी को संस्था में आने के लिए न्योता दिया और पुनः अभिनंदन करते हुए शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई दी। कार्यक्रम की अगली कड़ी में महाविद्यालय की प्रोफ़ेसर श्रीमती दीपा देवांगन ने कहा प्रकृति हमारी प्रथम गुरु है जिसके गोद में पलकर हम बड़े हुए इसके सानिध्य में हम जीवन जी रहे हैं हम सभी को अध्यात्म से जुड़कर नित मेडिटेशन करना चाहिए। ब्रह्मकुमारी बहनों को उनके कार्यों के प्रति आभार जाताया।
इसी क्रम में श्री राजेश तिवारी जी ने कहा शिक्षक का पद श्रेष्ठतम पद है जो सेवाकाल के दौरान तथा बाद में भी सम्मान का पात्र बनाता है तत्पश्चात श्री ए.एल.बनपेला जी ने कहा आप सभी शिक्षक विशेष है आपका व्यावसायिक तथा व्यावहारिक रूप में वाणी विचार का प्रभाव हर समय दूसरों पर पड़ता है । तत्पश्चात श्री राजेश तिवारी योगाचार्य जी ने कहा आप सभी शिक्षक अपनी ज्ञान की रोशनी जो सुदूर गांवो व शहरों में बिखेर रहे हैं आपकी सेवा निवृत्ति के बाद भी आपके प्रति आजाद श्रद्धा रखने वालों की कभी कमी नहीं होगी। श्री जे.पी. यादव जी ने कहा कि शिक्षक की ज्ञान का अनुसरण करने से ही हम जीवन के पथ पर सदा अग्रसर होते रहेंगे। अगले क्रम में श्री जयसिंधु जी ने कहा एक विकसित समाज में शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान होता है तथा उन्होंने ब्रह्माकुमारी बहनों का आभार जताते हुए कहा आज कितने अवरोधों के बावजूद आप सामाजिक सुधार का कार्य कर रहे हैं इन कार्यों के प्रति आपके प्रति हमारी श्रद्धा और बढ़ जाती है। तत्पश्चात ब्रह्मकुमारी बहनों द्वारा सभी शिक्षाविदों को ईश्वरीय प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन निशा साहू ने किया तथा आभार प्रदर्शन श्री रतिराम नाग जी द्वारा किया गया ।




