सरस्वती साइकिल योजना में भेदभाव का आरोप, ओबीसी वर्ग की छात्राओं को किया गया वंचित
उत्तम साहू
नगरी/ छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित सरस्वती साइकिल योजना का उद्देश्य छात्राओं को स्कूल आने-जाने में सुविधा प्रदान करना है। इस योजना पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत में गंभीर खामियां सामने आ रही हैं।
प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों में ओबीसी वर्ग की छात्राओं को साइकिल वितरण से वंचित रखा गया है। जबकि वे भी उन्हीं कक्षाओं में पढ़ाई करती हैं, उन्हीं शिक्षकों से शिक्षा लेती हैं और समान रूप से विद्यालय से जुड़ी हुई हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि जब शिक्षा सबके लिए समान है, तो योजनाओं में असमानता क्यों?
इस मामले पर सर्व यादव समाज युवा प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष डी.के.के. यादव ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा –
"क्या किसी बच्चे का सपना केवल इसलिए अधूरा रह जाए कि वह किस वर्ग से आता है? यह भेदभावपूर्ण रवैया बच्चों के भविष्य और सामाजिक न्याय की मूल भावना के विपरीत है।"
उन्होंने सरकार से मांग की है कि:
सरस्वती साइकिल योजना को सभी वर्गों के बच्चों के लिए समान रूप से लागू किया जाए।
भेदभावपूर्ण वितरण पर तत्काल रोक लगाई जाए।
जिन छात्राओं को अब तक साइकिल नहीं मिली है, उन्हें प्राथमिकता से लाभान्वित किया जाए।
इस मामले की जांच कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
यादव ने कहा कि बच्चे ही राष्ट्र का भविष्य हैं और उनकी उम्मीदों पर भेदभाव की छाया नहीं पड़नी चाहिए।
"एक स्कूल, एक शिक्षक, एक किताब – तो योजना भी एक समान क्यों नहीं?"

