पंचायतों में ठप पड़ा विकास कार्य,डबल इंजन सरकार पर उठ रहे सवाल...
धमतरी से उत्तम साहू दिनांक 25.9.2025
ग्राम पंचायतों की स्थिति इन दिनों बेहद चिंताजनक बनी हुई है। डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद पंचायत स्तर पर विकास कार्य लगभग ठप पड़ गए हैं। न तो मूलभूत सुविधाओं के लिए कोई पहल हो रही है और न ही 15 वें वित्त आयोग की राशि अब तक पंचायतों तक पहुंची है। परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे से लेकर दैनिक सुविधाओं तक भारी असर देखने को मिल रहा है।
मूलभूत सुविधाओं का संकट
गांवों में नल-जल योजनाएं अधर में लटकी हुई हैं, सड़कों की मरम्मत और नाली निर्माण जैसे छोटे-छोटे कार्य तक रुक गए हैं। पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, शौचालय, सामुदायिक भवन जैसी मूलभूत आवश्यकताओं पर कोई खर्च नहीं हो पा रहा है। ग्रामीण लगातार शिकायतें दर्ज करा रहे हैं, लेकिन सुनवाई कहीं नहीं हो रही।
जन प्रतिनिधियों का बढ़ता आक्रोश
पंचायत प्रतिनिधियों ने साफ कहा है कि जब तक राशि जारी नहीं होगी, तब तक विकास कार्य कर पाना संभव नहीं है। सरपंच, पंच, सचिव और जनपद सदस्य तक हताश नज़र आ रहे हैं। कई जगहों पर प्रतिनिधियों ने यह आरोप भी लगाया है कि सरकार केवल वादे कर रही है, लेकिन जमीन पर कोई कार्रवाई नहीं दिख रही।
ग्रामीण विकास पर गहरा असर
15 वें वित्त आयोग से आने वाली राशि से गांवों में नाली, सड़क, पेयजल, स्वच्छता एवं सार्वजनिक भवनों का निर्माण होता है। लेकिन राशि जारी न होने से यह सभी कार्य रुके हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार जब विकास के बड़े-बड़े दावे करती है, तो गांवों को आधारभूत सुविधाओं से क्यों वंचित रखा जा रहा है।
सरकार की नीतियों पर सवाल
ग्रामीण और प्रतिनिधि पूछ रहे हैं कि आखिर डबल इंजन सरकार के बावजूद पंचायतें आर्थिक तंगी से क्यों जूझ रही हैं। यदि समय पर राशि का वितरण नहीं होगा तो आने वाले समय में ग्रामीण विकास की तस्वीर और भी भयावह हो सकती है।

