मुख्यमंत्री साय की घोषणा पर अमल — शिक्षा में नई उड़ान: 5000 शिक्षकों की भर्ती को मिली हरी झंडी

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मुख्यमंत्री साय की घोषणा पर अमल — शिक्षा में नई उड़ान: 5000 शिक्षकों की भर्ती को मिली हरी झंडी



उत्तम साहू को 

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में एक और बड़ा फैसला लिया है। राज्य शासन के वित्त विभाग ने आज 5000 शिक्षकों के पदों पर भर्ती की सहमति प्रदान कर दी है।

यह निर्णय मुख्यमंत्री साय की उस घोषणा का प्रत्यक्ष परिणाम है, जिसमें उन्होंने कहा था कि “राज्य की प्रगति की असली नींव मजबूत शिक्षा व्यवस्था है।”


मुख्यमंत्री ने इस निर्णय को “नए छत्तीसगढ़ के निर्माण की दिशा में ऐतिहासिक कदम” बताया। उन्होंने कहा कि यह भर्ती न केवल प्रदेश की शिक्षण व्यवस्था को नई ऊर्जा देगी, बल्कि हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित करेगी।

अब शिक्षा विभाग शीघ्र ही भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करेगा, जिससे ग्रामीण और आदिवासी अंचलों में शिक्षकों की कमी को दूर किया जा सकेगा


शिक्षा को शीर्ष प्राथमिकता


मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार शिक्षा को विकास की आधारशिला मानते हुए लगातार निवेश कर रही है।

हाल के महीनों में सरकार ने विद्यालय भवन निर्माण, डिजिटल सामग्री प्रसार, शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों और छात्रवृत्ति योजनाओं को विस्तार देने जैसे कई निर्णय लिए हैं।

इस नई भर्ती से विशेष रूप से ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों के विद्यालयों को लाभ होगा, जहां विषयवार शिक्षकों की कमी लंबे समय से बनी हुई थी। अब बच्चों को अपने ही गांवों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।


वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी का बयान


> “शिक्षा में किया गया हर निवेश प्रदेश के भविष्य में किया गया निवेश है।

वित्त विभाग द्वारा 5000 शिक्षकों की भर्ती की सहमति देना मुख्यमंत्री साय जी की मंशा के अनुरूप शिक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देने का प्रतीक है।

इससे स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर होगी और हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा।”


मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा


> “हमारी सरकार का संकल्प है कि छत्तीसगढ़ का हर बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाए और हर विद्यालय में योग्य शिक्षक हों।

यह भर्ती प्रक्रिया न केवल शिक्षा व्यवस्था को सशक्त करेगी, बल्कि प्रदेश के युवाओं के सपनों को भी नया आयाम देगी।”


शिक्षित, सक्षम और आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़’ की ओर


इस निर्णय को सरकार की दीर्घकालिक शिक्षा नीति का हिस्सा माना जा रहा है।

5000 शिक्षकों की भर्ती से जहां शिक्षण व्यवस्था को स्थिरता मिलेगी, वहीं यह कदम ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के विज़न को साकार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।



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