इस दीपावली में अपने घरों को मिट्टी के दीयों से जगमगाएं... कलेक्टर मिश्रा

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इस दीपावली में अपने घरों को मिट्टी के दीयों से जगमगाएं...कलेक्टर मिश्रा 

“स्वदेशी अपनाएं, परंपरा सजाएं..वोकल फॉर लोकल से जगमगाए हर आंगन”


उत्तम साहू 

धमतरी, 10 अक्टूबर 2025। इस वर्ष दीपावली पर्व को धमतरी जिला प्रशासन ने स्वदेशी भावना और परंपरागत संस्कृति के साथ मनाने का संकल्प लिया है। कलेक्टर श्री अविनाश मिश्रा ने जिले के सभी नगरीय निकायों को निर्देशित किया है कि मिट्टी के दीये बनाने और बेचने वाले ग्रामीणों एवं कुम्हारों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और उनसे किसी तरह का कर या शुल्क न लिया जाए।


कलेक्टर मिश्रा ने कहा कि कुम्हार और ग्रामीण शिल्पकार हमारी सांस्कृतिक विरासत के संवाहक हैं। उनके हाथों से बने मिट्टी के दीये केवल सजावट का साधन नहीं बल्कि हमारी लोककला और परंपरा की पहचान हैं। ऐसे में प्रशासन का दायित्व है कि उन्हें प्रोत्साहन दिया जाए और उनके उत्साह को बढ़ाया जाए।


जिला प्रशासन ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि दीपावली पर्व जिलेभर में हर्षोल्लास और सौहार्द के साथ मनाया जाए। नागरिकों को चीनी या प्लास्टिक से बने कृत्रिम प्रकाश उत्पादों की बजाय स्वदेशी मिट्टी के दीयों के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए। बाजारों में भी स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।


कलेक्टर ने कहा – “दीपावली केवल रोशनी का पर्व नहीं है, बल्कि आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान का प्रतीक है। जब हम स्वदेशी वस्तुएं अपनाते हैं, तो न केवल अपनी अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाते हैं बल्कि ग्रामीण कारीगरों को भी जीविकोपार्जन का अवसर प्रदान करते हैं।”


स्वच्छता और पर्यावरण का संदेश


दीपावली के अवसर पर जिला प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे मिट्टी के दीयों का उपयोग कर स्थानीय कुम्हारों को आर्थिक सहयोग दें और पर्यावरण संरक्षण में भी भागीदारी निभाएं। प्लास्टिक और चीनी उत्पादों से दूरी बनाकर मिट्टी के दीयों से घर-आंगन रोशन करने से प्रदूषण कम होगा और स्वदेशी संस्कृति भी सुदृढ़ होगी।


प्रशासन ने सभी नगरीय निकायों को निर्देशित किया है कि स्थानीय बाजारों में दीया विक्रेताओं के लिए निर्धारित स्थान उपलब्ध कराए जाएं। इससे कुम्हार और ग्रामीण विक्रेता अपने उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री सुगमता से कर पाएंगे।


जिलेभर में गूंजेगा “वोकल फॉर लोकल” का संदेश


इस पहल से न केवल जिले में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि “वोकल फॉर लोकल” की भावना भी मजबूत होगी। इस बार धमतरी जिले का हर घर-आंगन मिट्टी के दीयों की पारंपरिक रोशनी से जगमगाएगा और दीपावली स्वदेशी गर्व, संस्कृति और पर्यावरणीय संतुलन का प्रतीक बनेगी।





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