🔥 छत्तीसगढ़ की अस्मिता पर हमला! छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति खंडित — अमित जोगी ने सरकार को घेरा, कहा “राज्य सरकार की नाकामी और अराजकता का चरम”
उत्तम साहू
रायपुर, 26 अक्टूबर 2025। राजधानी रायपुर के तेलीबांधा स्थित विशिष्ट चौक पर छत्तीसगढ़ महतारी की पवित्र मूर्ति का कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अपमान और खंडन किए जाने की घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के अध्यक्ष अमित जोगी ने इस निंदनीय कृत्य पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह “राज्य सरकार की पूर्ण विफलता, प्रशासनिक उदासीनता और अराजकता का जीता-जागता प्रमाण है।”
उन्होंने कहा “यह केवल एक पत्थर की मूर्ति नहीं टूटी है, बल्कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता, संस्कृति, और नारी सम्मान पर एक निर्मम प्रहार हुआ है। राजधानी जैसे संवेदनशील क्षेत्र में ऐसी घटना घट जाना यह साबित करता है कि सरकार न तो जनता की भावनाओं के प्रति सजग है और न ही कानून-व्यवस्था के प्रति गंभीर।”
🔴 गौरेला की घटना की पुनरावृत्ति — “अब राजधानी तक पहुंची असहिष्णुता की राजनीति”
अमित जोगी ने कहा कि यह घटना कोई संयोग नहीं बल्कि सुनियोजित साजिश का हिस्सा है।
उन्होंने याद दिलाया कि 29 मई 2025 को गौरेला के ज्योतिपुर चौक पर छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी जी की प्रतिमा को भी आरएसएस से जुड़े तत्वों ने रात के अंधेरे में उखाड़ फेंका था।
उस समय भी प्रशासन ने “अवैध” मूर्ति का तर्क देकर मामले को दबाने की कोशिश की थी।
अब रायपुर में हुई यह घटना, उसी असहिष्णु मानसिकता और राजनीतिक संरक्षण का विस्तार प्रतीत होती है।
अमित जोगी ने तीखे स्वर में कहा। “गौरेला से शुरू हुई नफरत की राजनीति अब राजधानी तक पहुंच चुकी है। सरकार अपराधियों को न केवल संरक्षण दे रही है, बल्कि छत्तीसगढ़ की विरासत पर हमला करने वालों के साथ खड़ी नजर आ रही है,”
⚖️ जनता कांग्रेस (जे) की चार स्पष्ट मांगें
1. घटना की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
2. छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को शीघ्र गरिमापूर्ण पुनर्स्थापित किया जाए।
3. सरकार यह स्पष्ट करे कि राजधानी के इतने महत्वपूर्ण चौक पर सुरक्षा व्यवस्था क्यों ध्वस्त रही।
4. गौरेला में अजीत जोगी जी की प्रतिमा अपमान प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
💬 छत्तीसगढ़ “महतारी का अपमान बर्दाश्त नहीं होगा” — जनता करेगी जवाबी कार्रवाई
अमित जोगी ने चेतावनी देते हुए कहा — “छत्तीसगढ़ महतारी हमारी अस्मिता और शक्ति की प्रतीक हैं। उनका अपमान किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। अगर सरकार ने अब भी चुप्पी साधे रखी, तो जनता सड़कों पर उतरकर जवाब देना जानती है।”
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार को तुरंत यह साबित करना होगा कि वह छत्तीसगढ़ की गरिमा, संस्कृति और प्रतीकों की रक्षा के प्रति ईमानदार है — अन्यथा जनता का आक्रोश इस बार इतिहास लिखेगा।


