धमतरी जिले में प्रतिबंधित जर्दायुक्त गुटखा की खुलेआम बिक्री, प्रशासन की लापरवाही उजागर
नगरी नगर सहित पूरे अंचल में जर्दा गुटखा बिक्री का जाल फैला है
उत्तम साहू
धमतरी/ नगरी- राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में जर्दायुक्त गुटखा पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद जिले में यह कारोबार धड़ल्ले से जारी है। थोक व्यापारी से लेकर किराना दुकानों और पान ठेलों तक, हर जगह खुलेआम गुटखा बिक रहा है। प्रतिबंध को धता बताते हुए कंपनियां थोक बाजार के माध्यम से गुटखे की आपूर्ति कर रही हैं और हर महीने करोड़ों रुपए का कारोबार कर रही हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर नगरी नगर तक गुटखा की बिक्री का जाल फैला हुआ है। नगरी ब्लॉक के वनांचल क्षेत्र में लंबे समय से कुछ व्यापारी इस अवैध धंधे में संलग्न हैं। सितार पान राज जैसे जर्दायुक्त गुटखा आसानी से उपलब्ध है, जिसे लोग चोरी-छुपे नहीं बल्कि खुलेआम खरीद-बेच रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि "जब कंपनी ही गुटखा बना रही है, तो बिक्री पर कैसे रोक लगेगी?"
नगरी नगर में गिने-चुने दो-तीन थोक व्यापारी हैं जिनके माध्यम से पूरा ग्रामीण इलाका सप्लाई से भर जाता है। आलम यह है कि जिले के गांव-गांव और शहर की गली-गली तक गुटखा पहुँच चुका है। युवा, बुजुर्ग, बच्चे और यहां तक कि महिलाएँ भी इस लत की चपेट में आ चुके हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिम्मेदार विभागीय अधिकारी पूरी जानकारी में होने के बावजूद कार्रवाई करने से बच रहे हैं। प्रशासन की लापरवाही और निष्क्रियता ने गुटखा कारोबारियों के हौसले बुलंद कर दिए हैं। जहां पुलिस और खाद्य विभाग को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, वहां केवल औपचारिकता निभाई जा रही है।
जिला प्रशासन बार-बार दावा करता है कि प्रतिबंधित गुटखा की बिक्री पर अंकुश लगाया गया है, लेकिन हकीकत यह है कि दुकानों पर यह आसानी से उपलब्ध है। लगातार फैलते इस कारोबार ने साबित कर दिया है कि प्रतिबंध केवल कागजों में है, जमीन पर उसका कोई असर नहीं है।
स्थानीय सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि अविलंब कड़ी कार्रवाई कर गुटखा कारोबार पर नकेल कसी जाए, अन्यथा गुटखे की लत से समाज का बड़ा वर्ग स्वास्थ्य संबंधी गंभीर बीमारियों की चपेट में आता जाएगा।
👉 सवाल यह उठता है कि जब प्रतिबंधित जर्दायुक्त गुटखा खुलेआम बिक रहा है तो आखिर प्रशासन की चुप्पी किस बात की गवाही दे रही है?

