नगरी ब्लॉक के हिंछापुर में खुलेआम बिक रही कच्ची शराब, ग्रामीणों में आक्रोश
उत्तम साहू दिनांक 7 अक्टूबर 2025
नगरी। आदिवासी विकासखंड नगरी के ग्राम हिंछापुर में अवैध महुआ शराब का कारोबार खुलेआम फल-फूल रहा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले कई महीनों से यहां बड़े पैमाने पर कच्ची शराब बनाकर बेची जा रही है। बताया जा रहा है कि हिंछापुर के लगभग 26 घरों और समीपस्थ रामनगर के 6 घरों में अवैध रूप से शराब बनाने और बेचने का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन को इस धंधे की जानकारी होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उल्टे यह चर्चा भी है कि विभाग द्वारा हर माह मोटी रकम वसूली जाती है, जिसके चलते अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद हैं।
कोपेडीह से भी बदतर हालात
कच्ची शराब बनाने के मामलों में भखारा क्षेत्र का ग्राम कोपेडीह पहले ही कुख्यात रहा है। वहां पुलिस और आबकारी विभाग की लगातार कार्रवाई के कारण अब कुछ हद तक अवैध कारोबार पर अंकुश लगा है। लेकिन इन दिनों नगरी ब्लॉक का हिंछापुर कोपेडीह से भी बदतर स्थिति में पहुंच गया है। महज 6 किलोमीटर दूर होने के बावजूद नगरी मुख्यालय से सटे इस गांव में प्रशासनिक उदासीनता साफ झलक रही है।
रेड की बजाय लौट जाता है अमला
ग्रामीणों का कहना है कि शाम ढलते ही गांव में शराबियों का जमघट लगना शुरू हो जाता है और देर रात तक चलता रहता है। आसपास के गांवों से भी लोग कच्ची शराब लेने यहां पहुंचते हैं। आबकारी विभाग की टीम कभी-कभार रेड करने जाती है, लेकिन बस्ती तक पहुंचे बिना ही लौट जाती है। इसके पीछे ग्रामीण या तो अवैध कारोबारियों के डर या फिर कथित लेन-देन को कारण मानते हैं।
गांव का माहौल बिगड़ रहा, महिलाएं परेशान
ग्रामीणों का कहना है कि शराब के इस खुले धंधे से गांव का माहौल लगातार बिगड़ रहा है। 15 से 20 स्थानों पर कच्ची शराब बनाने और बेचने का काम चल रहा है। इसका सीधा असर युवा पीढ़ी पर पड़ रहा है। बच्चे और युवा आसानी से शराब की चपेट में आ रहे हैं। शराबियों की भीड़ लगने से महिलाओं और बेटियों को रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों की मांग – कठोर कार्रवाई और जनजागरूकता
ग्रामीणों ने पुलिस अधीक्षक और जिला आबकारी अधिकारी से मांग की है कि हिंछापुर में अवैध शराब बनाने और बेचने वालों पर तत्काल कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही गांव-गांव में जनजागरूकता अभियान चलाकर लोगों को शराब के दुष्परिणामों से अवगत कराया जाए।
ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह कोपेडीह में अभियान चलाकर पुलिस और आबकारी विभाग ने अवैध शराब पर अंकुश लगाने की कोशिश की थी, उसी तरह हिंछापुर में भी ठोस कार्रवाई होनी चाहिए। अन्यथा इस तरह की लापरवाही से पूरा गांव शराब की लत और अपराधों की गिरफ्त में जा सकता है।

