पांच वर्षीय बालिका से दुष्कर्म-हत्या में दो दोषियों को फांसी: अदालत का ऐतिहासिक फैसला
रिश्ते के चाचा और उसके साथी ने किया था मासूम का अपहरण, दुष्कर्म और हत्या
उत्तर प्रदेश/ आगरा में गत वर्ष बाह नगर में घर के बाहर खेल रही पांच वर्षीय नन्हीं बालिका का अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या करने के प्रकरण में जिला न्यायालय ने शुक्रवार को दोषियों को फांसी की सजा सुनाकर क्षेत्र में बड़ा संदेश दिया। फरेरा निवासी अमित और होलीपुरा के निखिल को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनिका चौधरी ने जघन्य अपराध का दोषी मानते हुए मृत्यु दंड का आदेश दिया।
वारदात की भयावहता
18 मार्च 2024 को घर के बाहर खेल रही बच्ची को उसके रिश्ते के चाचा अमित और दोस्त निखिल बाइक पर बहला-फुसलाकर ले गए।
पुलिस के अनुसार, “दरिंदों ने बच्ची के शरीर को नोचते हुए उसे बर्बरतापूर्वक कष्ट दिए और उसकी निर्मम हत्या कर शव को छिपा दिया।” घटना के अगले दिन परिवार से छह लाख की फिरौती मांगी गई।
पिता की सूचना पर बाह थाने की पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए अभियुक्तों को 20 मार्च को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर बच्ची का शव बरामद हुआ।
एडीजीसी सुभाष गिरी ने जानकारी दी, “एक माह के अंदर दोनों आरोपितों के खिलाफ ठोस साक्ष्य के साथ चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई। मामले में कुल 18 गवाहों के बयान हुए।”
अदालत का सख्त संदेश
विशेष न्यायाधीश सोनिका चौधरी ने फैसले में कहा, “यह अपराध समाज की आत्मा को आहत करता है। ऐसे अपराधियों को दया के लायक नहीं समझा जा सकता। फांसी के सिवा कोई और सजा उचित नहीं।”
अदालत ने दोहराया कि कानून नाबालिगों के साथ ऐसे जघन्य अपराध पर किसी तरह की नरमी नहीं बरत सकता।
फैसला सुनते ही दोषी न्यायालय में रो पड़े और माफी मांगने लगे। बालिका के पिता ने कहा, “कानून ने हमें उम्मीद दी है। हमारी मासूम को तो लौटाया नहीं जा सकता लेकिन इंसाफ से दिल को शांति मिली।”
यह उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी न्यायाधीश सोनिका चौधरी ने 15 अक्टूबर को इसी अदालत में एक अन्य दुष्कर्मी को फांसी की सजा दी थी। इस बार फिर कठोर फैसला देकर अदालत ने संकेत दिया है कि बाल अपराधों पर अब रहम नहीं होगा।