छत्तीसगढ़ सरकार सुशासन और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

 



छत्तीसगढ़ सरकार सुशासन और पारदर्शिता के प्रति प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय



रायपुर दिनांक: 11 अक्टूबर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड के ग्राम झगरपुर में कोलता समाज द्वारा आयोजित श्री श्री रणेश्वर रामचंडी मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में शामिल हुए। यह आयोजन स्वामी आत्मानंद शासकीय हिंदी माध्यम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय झगरपुर परिसर में संपन्न हुआ। समाज के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री साय का पारंपरिक गजमाला और तिलक लगाकर आत्मीय स्वागत किया।


मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर माता रणेश्वर रामचंडी के चरणों में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और कल्याण की कामना की। उन्होंने कहा कि झगरपुर की पावन भूमि पर आकर उन्हें आत्मिक शांति का अनुभव हुआ है। यह मंदिर श्रद्धा, सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक एकता का सशक्त प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा उसकी संस्कृति और परंपराओं में निहित है। जहाँ नारी का सम्मान होता है, वहीं ईश्वर का वास होता है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सुशासन, पारदर्शिता और विकास के संकल्प के साथ कार्य कर रही है। ई-गवर्नेंस के माध्यम से प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाई जा रही है तथा भ्रष्टाचार के विरुद्ध सतत कार्रवाई जारी है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 18 माह की अवधि में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अधिकांश गारंटियों को पूरा किया है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को दो वर्षों का बकाया बोनस प्रदान किया गया है। धान खरीदी की सीमा 15 क्विंटल से बढ़ाकर 21 क्विंटल प्रति एकड़ की गई है तथा समर्थन मूल्य 3,100 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की सहायता दी जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं।


उन्होंने कहा कि भूमिहीन मजदूर सहायता योजना, तेंदूपत्ता खरीदी 5,500 रुपये प्रति मानक बोरा, रामलला दर्शन योजना तथा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना जैसी योजनाएं जनहित में संचालित हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ संसाधनों से समृद्ध राज्य है और जनसहयोग व संसाधनों के समुचित उपयोग से राज्य में विकास के नए अध्याय लिखे जा रहे हैं।


उन्होंने कहा कि “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” केवल नारा नहीं, बल्कि राज्य सरकार की कार्यसंस्कृति का प्रतीक है।




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