धमतरी में यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट ऑपरेशनल कमांड (UDOC) की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न
नक्सल उन्मूलन, संयुक्त रणनीति और जनसहभागिता पर लिया गया निर्णायक फैसला
उत्तम साहू
धमतरी, 16 अक्टूबर 2025 – जिले में नक्सल उन्मूलन, सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ीकरण एवं संयुक्त अभियानों की प्रभावशीलता बढ़ाने के उद्देश्य से यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट ऑपरेशनल कमांड (UDOC) की एक महत्वपूर्ण बैठक आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय, धमतरी के सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक धमतरी श्री सूरज सिंह परिहार (IPS) ने की।बैठक में सीआरपीएफ के कमांडेंट श्री आर.के. बहाली, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नक्सल ऑप्स.) श्री शैलेन्द्र पांडेय, एसडीओपी नगरी श्री विपिन रंगारी, डीआरजी, सीआरपीएफ, सीएएफ एवं जिला पुलिस अधिकारी तथा नक्सल प्रभावित थानों के थाना प्रभारी उपस्थित रहे। बैठक का उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचालन, समन्वय तथा सूचना आदान-प्रदान को एकीकृत ढंग से सशक्त करना था।नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति समीक्षाबैठक की शुरुआत जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की वर्तमान स्थिति के विश्लेषण से हुई। अधिकारियों ने जंगल और पहाड़ी क्षेत्रों में सक्रिय माओवादियों की गतिविधियों, उनके द्वारा ग्रामीणों पर डाले जा रहे दबाव एवं हाल के कुछ घटनाक्रमों की विस्तारपूर्वक समीक्षा की।
इस समीक्षा के आधार पर अगली कार्रवाई के लिए ठोस सामरिक योजनाएँ तैयार करने पर जोर दिया गया।संयुक्त कार्य योजना और समन्वयUDOC बैठक में निर्णय लिया गया कि सीआरपीएफ, छसबल, जिला पुलिस, डीआरजी एवं एसआईबी (Special Intelligence Branch) के बीच सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान तथा समन्वित अभियानों के लिए एक साझा कार्यप्रणाली विकसित की जाएगी। इसके लिए इंटर-एजेंसी कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल निर्धारित किया गया, जिससे किसी भी ऑपरेशन के दौरान रियल-टाइम सूचना साझा कर तत्काल प्रतिक्रिया दी जा सके।खुफिया तंत्र को सशक्त करने पर बल बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि खुफिया तंत्र को और अधिक सक्रिय तथा सुदृढ़ बनाया जाएगा।
इसके अंतर्गत केन्द्रीय एवं स्थानीय खुफिया एजेंसियों के बीच त्वरित समन्वय तंत्र विकसित किया जाएगा। साथ ही, स्थानीय मुखबिर नेटवर्क को पुनर्गठित कर संवेदनशील क्षेत्रों में सूचना एकत्र करने के लिए रणनीतिक विस्तार किया जाएगा।जनता के साथ संवाद और सहयोगअधिकारियों ने इस बात पर विशेष बल दिया कि नक्सल समस्या का समग्र समाधान केवल सुरक्षा बलों की कार्रवाई से संभव नहीं है; इसके लिए जनता का विश्वास और सहयोग आवश्यक है। इस दिशा में सामुदायिक पुलिसिंग, स्वास्थ्य शिविर, खेल प्रतियोगिताएँ और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने का प्रस्ताव रखा गया, ताकि ग्रामीण अंचलों में पुलिस-जन संवाद को सशक्त किया जा सके और माओवादी भ्रमजाल को तोड़ा जा सके।अधिकारियों के वक्तव्य
पुलिस अधीक्षक धमतरी श्री सूरज सिंह परिहार (IPS) ने कहा “नक्सल समस्या का समाधान केवल बल प्रयोग से नहीं, बल्कि साझा रणनीति, सटीक सूचना और जनभागीदारी से संभव है। सभी सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल और त्वरित संचार ही सफलता की कुंजी है।
”सीआरपीएफ कमांडेंट श्री आर.के. बहाली ने कहा —“ऑपरेशन की सफलता के लिए सभी एजेंसियों के बीच निरंतर संवाद और समन्वय आवश्यक है। हर बल को अपने कार्यक्षेत्र में पूर्ण पारदर्शिता और तत्परता के साथ काम करना चाहिए।”बैठक का निष्कर्ष और आगामी योजनाबैठक के अंत में यह निर्णय लिया गया कि UDOC की बैठकें नियमित रूप से प्रत्येक माह आयोजित की जाएंगी, जिसमें सभी ऑपरेशनल गतिविधियों की समीक्षा, आगामी अभियानों की योजना तथा सुरक्षा दृष्टिकोण से आवश्यक सुधारों पर विचार किया जाएगा।जनसहयोग, खुफिया कार्यप्रणाली एवं संयुक्त कार्यवाही के त्रिस्तरीय दृष्टिकोण को मजबूत बनाकर नक्सल विरोधी मुहिम को और अधिक तीव्र और प्रभावशाली बनाने का संकल्प भी लिया गया।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व 28 जुलाई 2025 को भी ऐसी बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें कई रणनीतिक निर्णय लिए गए थे।
बैठक में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे —
श्री आर.के. बहाली (कमांडेंट, 211वीं वाहिनी, सीआरपीएफ थनौद, रायपुर), प्रभारी सीआरपीएफ कैम्प बिरनासिल्ली एवं मेचका, प्रभारी छसबल कैम्प सिहावा, बहीगांव एवं खल्लारी, प्रभारी डीआरजी नगरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नक्सल ऑप्स.) श्री शैलेन्द्र पांडेय, एसडीओपी नगरी श्री विपिन रंगारी, रक्षित निरीक्षक श्री दीपक शर्मा तथा थाना प्रभारी नगरी, सिहावा, बोराई, मेचका, दुगली, मगरलोड एवं खल्लारी सहित विशेष आसूचना शाखा (SIB) एवं नक्सल सेल धमतरी के अधिकारी उपस्थित रहे।बैठक का समापन संयुक्त संकल्प के साथ हुआ कि नक्सल प्रभावित इलाकों में जनसहभागिता और रणनीतिक समन्वय से कानून व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।