🔥 सोशल मीडिया पर अमर्यादित टिप्पणी चार संकुल समन्वयक पद से बाहर, जिले में मचा हड़कंप🔥
गरियाबंद। सोशल मीडिया पर उंगली की एक गलत चाल और नतीजा चार कुर्सियाँ खाली! छुरा विकासखंड के शैक्षिक व्हाट्सऐप ग्रुप में शासन-प्रशासन पर की गई अमर्यादित टिप्पणी का असर इतना तीव्र हुआ कि चार संकुल समन्वयकों को तुरंत प्रभाव से पद से विदा कर दिया गया। जिला शिक्षा तंत्र में इसे साल की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।
📱 मामला क्या था?
एक शैक्षिक समूह में शासन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी पोस्ट होती है…
स्क्रीनशॉट ऊपर तक पहुंचते हैं…
और बस, मिशन समन्वयक शिवेश शुक्ला आदेश देते हैं—
“जांच करो, तुरंत।”
जांच हुई… आरोप सही पाए गए…
और हैरानी की बात—ग्रुप एडमिन भी जिम्मेदारी से नहीं बच सका।
पांचों को सीधा पद मुक्त।
🧨 कलेक्टर बीएस उइके का कड़ा संदेश
जैसे ही मामला कलेक्टर के पास पहुंचा, उन्होंने साफ शब्दों में चेतावनी दी—
“शासन या प्रशासन पर सोशल मीडिया में अभद्र टिप्पणी?
परिणाम सबसे कठोर होंगे।”
उन्होंने अधिकारियों को याद दिलाया—
सरकारी सेवा का मतलब है अनुशासन,
और सोशल मीडिया इसका अपवाद नहीं।
🎓 अब शिक्षा विभाग में 'नए चेहरे' की तैयारी
चार पद खाली होते ही विभाग हरकत में आ गया।
जिला मिशन समन्वयक ने सभी संकुल प्राचार्यों से कहा—
“दो दिन में योग्य, जिम्मेदार और ऊर्जावान शिक्षकों के नाम भेजें।”
अब माना जा रहा है कि विभाग में नए, सक्रिय और अनुशासनप्रिय समन्वयक जल्द सामने आएंगे।
इस कार्रवाई ने पूरे जिले में एक सख्त संकेत दे दिया है
सरकारी कर्मचारियों की सोशल मीडिया 'फ्रीडम' अब सीमित है। गैर-जिम्मेदाराना पोस्ट अब करियर पर भारी पड़ सकती है।

