पूर्व मंत्री के करीबी के पास मिली करोड़ों की प्रॉपर्टी, छापे में 100 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी

 पूर्व मंत्री के करीबी के पास मिली करोड़ों की प्रॉपर्टी,छापे में 100 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी


रायपुर/ पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत और उनके करीबियों के घरों में चल रहे इनकम टैक्स की छापेमारी रविवार को समाप्त हो गई। जिसके बाद आईटी की टीम छापे के दौरान मिले प्रॉपर्टी के दस्तावेजों की जांच कर रही है। वहीं टैक्स चोरी और आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत और उनके करीबी कारोबारी के यहां 100 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी के संकेत है।

धर्मपुरा में मिली करोड़ों की प्रॉपर्टी

इनकम टैक्स की कार्रवाई में कितना कुछ मिला है। इस बारे में अभी तक इनकम टैक्स विभाग की ओर से कुछ भी स्पष्ट नहीं बताया गया है। लेकिन अमरजीत भगत के करीबी तथा कारोबारी हरपाल सिंह के पास से धर्मपुरा में अमरजीत सिंह भगत के करोड़ों की प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिलने की बात सामने आई है। सूत्र बता रहे हैं कि धर्मपुरा में मिले प्रॉपर्टी कब खरीदी गई इस बात की अब तक पुष्टि नहीं हुई है। आईटी अफसर इस संबंध में हरपाल सिंह से जवाब तलब कर रहे है।

प्रॉपर्टी के किए गए कच्चे लेन-देन

प्रॉपर्टी खरीदने में कच्चे में लेन-देन करने की बात सामने आई है। किसी प्रॉपर्टी का सरकारी वैल्युएशन एक करोड़ है, लेकिन उसका बाजार भाव पांच करोड़ है। तो उस प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री सरकारी भाव से की गई है। इसके बाद शेष चार करोड़ रूपए के हिसाब से प्रॉपर्टी बेचने वाले को कैश ट्रांजेक्शन कर टैक्स चोरी की गई है।

31 जनवरी से चल रही थी दबिश

बता दें कि 31 जनवरी की सुबह लगभग 6 बजे आईटी विभाग के 50 से ज्यादा अधिकारियों ने पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत के अंबिकापुर, सूरजपुर, सीतापुर सहित रायपुर के घरों और पाईप फैक्ट्री में छापा मार कार्रवाई को अंजाम दिया था। इस दौरान आईटी की कार्रवाई उनके निजी सचिव राजेश वर्मा,हरपाल सिंह, उपनिरीक्षक रूपेश नारंग, सिविल इंजीनियर प्रमोद टोप्पो, ड्राईवर महेंद्र, कांग्रेस नेता दिलीप घर, भाजपा नेता संदीप घोष, निजी सहायक डॉ. फ्रेंकलिन टोप्पो और कांग्रेस नेता व लकड़ी व्यावसायिक राजीव अग्रवाल के घरों और उनके कार्यालय में एक साथ की गई थी।

आयकर छापे पर बोले अमरजीत भगत

छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने आयकर विभाग की कार्रवाई पर कहा कि, गैर भाजपाई आदिवासी नेताओं को बीजेपी टारगेट कर रही है। इससे तो अच्छा झंझट से बचने आप हमें और जितने आदिवासी नेता हैं उन्हें गोली मार दीजिए। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि, गलत दस्तावेज पर मारपीट कर साइन कराए गए हैं। प्रदेश में आदिवासी सुरक्षित नहीं है, आदिवासियों को टारगेट किया जा रहा है।


 


 

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