कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने ‘मां’ अभियान की प्रस्तुत की विस्तृत जानकारी

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 कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने ‘मां’ अभियान की प्रस्तुत की विस्तृत जानकारी

जल प्रबंधन की श्रेष्ठ पद्धतियों पर वेबिनार..बच्चों ने जल संरक्षण और पर्यावरण पर किए उत्सुकतापूर्ण सवाल



उत्तम साहू 

धमतरी, 15 सितंबर 2025/ जल प्रबंधन की श्रेष्ठ पद्धतियों पर वेबिनार का आज 15 सितम्बर 2025 को वर्चुअल आयोजित हुआ। यह वेबिनार लोगों और समुदायों को जल प्रबंधन की दिशा में सशक्त बनाने पर केंद्रित था।

“जल संचय जनभागीदारी” पहल प्रधानमंत्री की इस अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है कि जल संरक्षण को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाया जाए। यह पहल जल संरक्षण में जनभागीदारी के महत्व पर जोर देती है तथा सभी हितधारकों से सामूहिक संकल्प और कार्रवाई का आह्वान करती है। इसके अंतर्गत विशेष रूप से कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं/बोरवेल रिचार्ज स्ट्रक्चर के निर्माण पर बल दिया गया, जिससे जल भंडारण क्षमता बढ़ेगी और भूजल पुनर्भरण में मदद मिलेगी।

  इस संस्करण में दो प्रमुख पहलों पर प्रकाश डाला गया

पहला- छत्तीसगढ़ प्रदेश की महानदी जो धमतरी जिले के सिहावा से उद्गम होता है। महानदी के पुनर्जीवन के लिए धमतरी जिला प्रशासन एवं स्थानीय समुदायों के संयुक्त प्रयास से किए गए कामों का कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने प्रजेंटेशन के ज़रिए बताया। वहीं प्रौद्योगिकी आधारित बाढ़ प्रबंधन पहल जो उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में लागू की गई है। उसके बारे में आयुक्त नगर निगम श्री गौरव सिंह ने प्रजेंटेशन दिया। इस वर्चुअल कार्यक्रम में धमतरी और नगरी के स्कूली बच्चों और गोरखपुर के बच्चों के सवालों और उनकी जल प्रबंधन और वातावरण परिवर्तन संबंधी प्रश्नों का समाधान किया गया। 

    देश में जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे जिलों की पहल को सराहते हुए, जलशक्ति मंत्रालय, भारत सरकार की प्रबंध निदेशक श्रीमती अर्चना वर्मा ने आज देश के दो जिलों धमतरी (छत्तीसगढ़) और गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) के अधिकारियों के साथ विशेष लाइव इंटरेक्शन आयोजित किया। इस अवसर पर धमतरी जिले की सफलता को उजागर किया गया, जिसमें कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा के नेतृत्व में चल रहे महानदी अवेकिंग अभियान ‘‘मां’’ के तहत महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में सीईओ जिला पंचायत श्रीमती रोमा श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित रहीं।

 कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने बताया कि महानदी छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी नदी है, जिसकी सुरक्षा और संवर्द्धन की जिम्मेदारी 2 मई 2025 से जिला प्रशासन ने अपने हाथ में ली है। उन्होंने कहा कि नदी की चौड़ाई व गहराई में कमी के कारण इसके प्रवाह में अवरोध उत्पन्न हो रहा था। इसका समाधान चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। प्रथम चरण में आईआईटी मद्रास की तकनीकी सहायता से 8 ग्राम पंचायतों में नदी की चौड़ाई बढ़ाने के कार्य किए गए। कलेक्टर श्री मिश्रा ने बताया कि स्थानीय लोगों को जागरूक करने हेतु प्रचार सामग्री तैयार कराई गई और सामाजिक सहभागिता बढ़ाने के लिए महिलाओं को जलदूत बनाया गया। सरपंचों की तस्वीर सहित माइलस्टोन भी स्थापित किए गए।

 महानदी के उद्गम स्थल का सौंदर्यीकरण, कृषि, पर्यटन एवं जल संरक्षण के अनुरूप कार्य योजना में शामिल किया गया। जल संसाधन विभाग द्वारा एनीकट निर्माण की स्वीकृति भी दी गई है। साथ ही लगभग 4 हजार नारियल के पौधे लगाए जा चुके हैं। वृहद वृक्षारोपण योजना भी तैयार की गई है। कार्यक्रम के दौरान नगरी के पीएमश्री स्कूल और एक्सीलेंस स्कूल के बच्चों ने अधिकारीयों से कृषि क्षेत्र में जल संरक्षण की भूमिका, सरकारी योजनाओं के योगदान और नदी में प्लास्टिक न पहुंचने हेतु उपायों पर उत्सुकता पूर्वक प्रश्न पूछे। अधिकारियों ने बच्चों को विस्तार से समझाया और उनकी सराहना की। श्रीमती अर्चना वर्मा ने महानदी अवेकिंग अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह ग्रामीणजनों की सहभागिता से एक आदर्श पहल बनकर उभरा है। कलेक्टर श्री मिश्रा ने बताया कि अगले चरण में अधोसंरचना के विकास सहित जल संरक्षण हेतु पूर्व व वर्तमान स्थिति का गहन अध्ययन कर भविष्य की योजनाएं बनाई।

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