गांवों में पादरी-पास्टर प्रवेश रोक विवाद पर हाईकोर्ट का फैसला
पहले ग्राम सभा या एसडीएम से करें शिकायत, फिर जाएं हाईकोर्ट
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कांकेर जिले के कुछ गांवों में पादरी और पास्टर के प्रवेश पर रोक लगाने वाले होर्डिंग्स के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता पहले ग्राम सभा या एसडीएम स्तर पर शिकायत दर्ज करें, उसके बाद ही उच्च न्यायालय में अपील कर सकते हैं। अदालत ने इस आधार पर याचिका को निराकृत कर दिया।
यह मामला भानुप्रतापपुर ब्लॉक के ग्राम घोटिया और आसपास के गांवों से जुड़ा है, जहां ग्रामीणों ने गांव के प्रवेश द्वारों पर बोर्ड लगाकर ईसाई धर्म प्रचारकों के प्रवेश पर प्रतिबंध की चेतावनी दी थी। ईसाई संगठनों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताते हुए कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की थी।
राज्य शासन की ओर से दलील दी गई कि याचिकाकर्ताओं ने बिना निचले स्तर की प्रक्रिया अपनाए सीधे हाईकोर्ट में याचिका लगाई। कोर्ट ने शासन की दलील से सहमति जताते हुए कहा कि प्रशासन ऐसे मामलों में संवेदनशीलता से कार्रवाई करे, ताकि किसी भी समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता प्रभावित न हो।

